रात वाहन न मिले तो करें ये काम, तीन महिलाओं की छूटी बस, कठुआ में घर छोड़कर आई पुलिस
रात को महिलाओं को वाहन न मिले तो पुलिस को कॉल की जा सकती है। रात को बस छूटने से तीन महिलाएं परेशान थीं। पुलिस ने उन्हें घर तक छोड़ा।
पठानकोट/बमियाल [राज चौधरी/दीपक कुमार]। महिलाओं को अगर रात को घर जाने के लिए कोई साधन नहीं मिल रहा है तो वह पुलिस कंट्रोल रूम के 100, 112 और 181 नंबर पर कॉल करें। पुलिस उन्हें सुरक्षित घर छोड़कर आएगी। हैदराबाद में दुष्कर्म की घटना के बाद रात को महिलाओं की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार और पुलिस ने यह व्यवस्था बनाई है।
पठानकोट पुलिस ने यह सेवा शुरू भी कर दी है। वीरवार रात को ऐसा पहला मामला सामने आया है जब नरोट जैमल सिंह में बस छूट जाने से तीन महिलाएं परेशान होने लगीं। तीनों महिलाओं को पुलिस जम्मू-कश्मीर के कठुआ में सुरक्षित उनके घर छोड़कर आई।
कठुआ के वार्ड नंबर एक की रहने वाली संयोगिता देवी दो सहेलियों के साथ करीब 20 किलोमीटर दूर नरोट जैमल सिंह में पीर बाबा की दरगाह पर माथा टेकने आई थीं। वीरवार को दरगाह पर भीड़ ज्यादा होने के के कारण शाम पांच बजे कठुआ जाने वाली बस छूट गई। वहां से तीनों महिलाएं एक वाहन से लिफ्ट लेकर तीन किलोमीटर फतेहपुर बस अड्डे तक पहुंची। वहां पता चला कि सात बजे के बाद अब कठुआ जाने के लिए कोई बस नहीं मिलेगी।
किसी ने बताया कि फैक्ट्री के मुलाजिमों को लेकर एक बस साढ़े सात बजे जाएगी, लेकिन उस बस में भी महिलाओं को नहीं बिठाया गया। रात आठ बजे महिलाएं सुनसान बस अड्डे पर परेशान होने लगीं। उन्होंने बस अड्डे के बाहर एक दुकानदार से मदद मांगी तो उसने बताया कि 112 नंबर पर पुलिस को कॉल करो। संपर्क करने के सात मिनट बाद साढ़े आठ बजे नरोट जैमल सिंह थाना प्रभारी प्रीतम सिंह और महिला पुलिस मुलाजिम मौके पर पहुंच गए। तीनों महिलाओं को पुलिस टीम कठुआ उनके घर छोड़कर आई।
रात नौ से सुबह छह बजे तक कभी भी करें कॉल
रात नौ से लेकर सुबह 6 बजे तक महिलाएं कभी भी 100, 112 और 181 नंबरों पर कॉल कर मदद मांग सकती हैं।
पुलिस अपने पास रहेगा पूरा रिकॉर्ड
महिला को कहां से पिक किया और उसे कहां छोड़ा यह पूरी जानकारी पुलिस को रिकॉर्ड में रखनी होगी। विभाग इसकी समय-समय पर समीक्षा भी करेगी।
महिला की सुरक्षा थाना प्रभारी की जिम्मेदारी : एसएसपी
एसएसपी दीपक हिलोरी का कहना है कि रात को महिला की फोन कॉल आने के बाद संबंधित थाना प्रभारी की जिम्मेदारी होगी कि वह उसे सुरक्षित घर छोड़कर आए। प्रभारी अगर छुट्टी पर है तो ड्यूटी अफसर की यह जिम्मेदारी होगी। किसी भी सूरत में कोताही बर्दाश्त नहीं होगी।
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