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'धार कलां क्षेत्र में प्राथमिक सेहत केंद्र तक नहीं, इलाज के लिए दस किलोमीटर सफर करना पड़ता है'

गांव दरवान बाड़ सुडाल पजालां रोघ जलाहड़ मंगनी दरकुआं बंगला लजेरां नियाडीं आदि में प्राथमिक सेहत केंद्र के न होने से लोगों को सेहत सुविधा संबंधी आठ से दस किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jun 2022 07:18 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 07:18 AM (IST)
'धार कलां क्षेत्र में प्राथमिक सेहत केंद्र तक नहीं, इलाज के लिए दस किलोमीटर सफर करना पड़ता है'
'धार कलां क्षेत्र में प्राथमिक सेहत केंद्र तक नहीं, इलाज के लिए दस किलोमीटर सफर करना पड़ता है'

संवाद सहयोगी, दुनेरा: धार कलां क्षेत्र के विभिन्न गांवों के लोग आज भी सेहत सुविधा के बिना अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं। सेहत सुविधा की बात करें तो क्षेत्र के बहुत से गांवों में सेहत केंद्र के न होने के कारण लोग आरएमपी डाक्टरों के भरोसे है। गांव दरवान, बाड़ सुडाल, पजालां, रोघ, जलाहड़, मंगनी, दरकुआं बंगला, लजेरां, नियाडीं आदि में प्राथमिक सेहत केंद्र के न होने से लोगों को सेहत सुविधा संबंधी आठ से दस किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है। हालांकि प्रदेश सरकार के द्वारा मरीजों के लिए जन औषधि केंद्र भी खोलें गए हैं, जहां सस्ती दवाएं लोगों को मिल जाती हैं, लेकिन धार कलां में जन औषधि केंद्र तो दूर की बात है, बहुत से गांवों में आज भी प्राथमिक सेहत केंद्र ही नहीं है। यातायात का भी नहीं है कोई साधन: सरपंच विजय

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गांव लजेरां के सरपंच विजय धीमान ने कहा कि गांव में प्राथमिक सेहत केंद्र की बहुत जरूरत है। सेहत केंद्र के न होने से गर्भवती औरतों एवं नौनिहालों के टीकाकरण एवं अन्य चेकअप के लिए गांव से छह से सात किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। गांव से दुनेरा के लिए यातायात का भी कोई साधन नहीं है। लोगों को पैदल सफर तय करके दवाई लेनी पड़ती हैं। सरकार यदि प्रत्येक गांव में प्राथमिक सेहत केंद्र नहीं खोल सकती है तो सप्ताह में एक बार डाक्टर एवं दवाइयों सहित मोबाइल बैन गांवों में भेज कर लोगों को राहत दे सकती हैं। इमरजेंसी में पठानकोट ही एकमात्र ठिकाना: सरपंच बलवान सिंह

गांव सुकरते के सरपंच बलवान सिंह भानु ने कहा कि गांव में भी यही समस्या है। उन्हें दस से बारह किलोमीटर तक सफर तय करके सेहत केंद्र तक पहुंचना पड़ता है। रात में या किसी इमरजेंसी के लिए पठानकोट ही एक मात्र ठिकाना है। क्षेत्र में कोई सरकारी सेहत केंद्र ही नहीं है जहां इमरजेंसी में मरी•ा को इलाज मिल सके। दुनेरा में प्राथमिक सेहत केंद्र तो है, परंतु वह भी दोपहर दो बजे के बाद बंद हो जाता है। विभिन्न राजनीतिक दलों ने धार क्षेत्र के वोट बैंक को अपने लिए इस्तेमाल किया, परन्तु अब तक क्षेत्र के लोगों की मुख्य समस्याओं के लिए किसी ने भी ध्यान नहीं दिया। सेहत केंद्र नहीं तो एक मोबाइल वैन की सुविधा उपलब्ध कराएं: डा. करतार सिंह

पूर्व पंचायत समिति चेयरमैन डा. करतार सिंह ने कहा कि क्षेत्र के गांव मंगनी, दरबान, बाड़ सुडाल, जलाहड फागली, प्लास रोघ आदि में कोई भी डिस्पेंसरी एवं स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। इन गांवों में यदि कोई व्यक्ति बीमार हो जाता है तो दस से बारह किलोमीटर दूर का सफर तय करके दवाई लेनी पड़ती है। यदि सरकार हर गांव में सेहत केंद्र नहीं खोल सकती तो मोबाइल बैन अथवा 108 एंबुलेंस सेवा के सहयोग से गांवों में साप्ताहिक मेडिकल चैकअप करवाकर लोगों को राहत दे सकती है। लोगों में सरकार के प्रति रोष है: सरपंच कमलजीत सिंह

गांव बाड़ सुडाल के सरपंच कमलजीत सिंह ने बताया कि गांव में भी सेहत केंद्र के न होने से लोगों में सरकार के प्रति रोष है। गांव से दुनेरा आठ से दस किलोमीटर दूर है। वहीं ट्रांसपोर्ट की कोई सुविधा नहीं है। यदि कोई बीमार हो तो उसे स्पेशल टैक्सी पर दवाई के लिए दुनेरा लाना पड़ता है। जिससे कारण मरीज एवं उसके परिवार को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


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