सर्च ऑपरेशन के बाद हिदू नेताओं की सुरक्षा बढ़ी मैटल डिटेक्टर से जांच के बाद दी जा रही मिलने की अनुमति
सर्च ऑपरेशन के बाद सुरक्षा प्राप्त हिदू नेताओं की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया है।
राज चौधरी, पठानकोट : पठानकोट सहित पंजाब के विभिन्न जिलों में आतंकियों की ओर से कोई बड़े हमले के संदेह के कारण पिछले तीन दिनों से पठानकोट में चल रहे सर्च ऑपरेशन के बाद सुरक्षा प्राप्त हिदू नेताओं की सुरक्षा को भी बढ़ा दिया है। पुलिस के आला अफसरों के सख्त दिशा-निर्देशों के बाद अब इन नेताओं की सुरक्षा में तैनात जवानों की ओर से इनसे मिलने वाले लोगों की एंट्री रजिस्टर में दर्ज कर पूरा ब्यौरा रखा जा रहा है। मैटल डिटेक्टर से जांच के बाद ही किसी भी लोगों को मिलने की अनुमति दी जा रही है। नेताओं की सिक्योरिटी में लगे जवानों की ओर से इस सारे रिकॉर्ड की डिटेल प्रतिदिन आला अधिकारियों को दी जा रही है। एसएसपी दीपक हिलोरी ने कहा कि इसका मुख्य उद्देश्य सुरक्षा प्रबंधों को पुख्ता बनाना है। शिवसेना के पंजाब अध्यक्ष योगराज की सुरक्षा में दस पुलिस जवान, सुरेंद्र मन्हास के साथ अब तीन की जगह एक जवान
शिवसेना (बाल ठाकरे) के पंजाब अध्यक्ष योगराज शर्मा के पास इस समय दस जवानों की पुलिस सुरक्षा मिल चुकी है। योगराज शर्मा के साथ छह प्लस एक जवान उनके साथ दो गाड़ियों में चलते हैं, जबकि दो प्लस एक जवान उनके घर के बाहर पोस्ट बनाकर 24 घंटे तैनात रहते हैं। उनके घर पर दशहरा से पहले चार प्लस एक जवान की तैनाती रहती थी, परंतु दशहरा से पहले इसमें से दो जवान जालंधर शिफ्ट कर दिए गए। इसी प्रकार अखिल भारतीय हिदू सुरक्षा समिति के पंजाब चेयरमैन सुरेंद्र मन्हास के साथ 24 घंटे एक जवान रहता है। पहले उनके साथ चार पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। इन दोनों नेताओं को कई बार संदिग्ध लोगों से जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। सुरेंद्र मन्हास नशे के विरोध में भी कई रैलियां कर चुके हैं। उन्हें नशा माफिया से भी जान की धमकियां मिलने के साथ-साथ उनकी रेकी भी हो चुकी है। शिव सेना समाजवादी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रह चुके रवि शर्मा व ओंकार नाथ शर्मा से भी पहले ही सुरक्षा को वापस लिया जा चुका है।
सर्च ऑपरेशन के बाद बाहरी फोर्स लौटना शुरू, पुलिस जारी रखेगी अभियान
पिछले तीन दिन से जिला पठानकोट में चल रहे सर्च ऑपरेशन के लिए बाहरी राज्यों से आए पुलिस जवानों ने लौटना शुरू कर दिया है। रविवार शाम के बाद बाहरी राज्यों से आए करीब एक हजार से अधिक पुलिस के आला अफसरों तथा जवान आज वापस लौट गए, जबकि स्थानीय पुलिस की ओर से संवेदनशील स्थलों पर जांच अभियान जारी रखा गया। पुलिस के आला अफसरों की माने तो आगामी दिनों में भी पुलिस की ओर से पिक एंड चूज के आधार पर जगह-जगह पर नाकाबंदी कर इस अभियान को जारी रखा जाएगा।
कोट्स
नेताओं को मिल रही धमकियों के मद्देनजर ही अब प्रत्येक मिलने वाले व्यक्ति का रिकॉर्ड रखने तथा मैटल डिटेक्टर से उनकी जांच कर मिलने की अनुमति देने की हिदायतें जारी की गई हैं। जिन नेताओं को पुलिस सुरक्षा मुहैया करवाई गई है, उनसे मिलने वाले व्यक्तियों के रिकार्ड की जांच प्रतिदिन की जा रही है। जिले में कुल कितने पुलिस मुलाजिम बतौर सिक्योरिटी लगाए गए हैं, के पूछे गए सवाल का जवाब देते अधिकारी ने कहा कि ये सुरक्षा का विषय है। अतएव वह पुलिस के जवानों की संख्या संबंधी कुछ नहीं बता सकते।
दीपक हिलोरी, एसएसपी पठानकोट