कोरोना के कारण लटकी विचाराधीन मामलों की सुनवाई
कोविड-19 का असर जहा देश के विभिन्न कारोबार तथा अन्य संस्थानों पर पड़ा है वहीं अदालतें भी सिविल केसों के मामलों की सुनवाई नहीं कर पाई है।
संवाद सहयोगी, पठानकोट : कोविड-19 का असर जहा देश के विभिन्न कारोबार तथा अन्य संस्थानों पर पड़ा है, वहीं अदालतें भी सिविल केसों के मामलों की सुनवाई नहीं कर पाई है। दो माह से कोर्ट के मामलों की सुनवाई न होने के कारण जिला पठानकोट की नौ कोर्ट में हजारों की तादाद में फैसले पेडिंग पड़े हुए हैं। हालाकि इस कठिन समय में भी जिले भर में उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली तथा पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों पर वर्चुअल कोर्ट लगाकर कुछ मामलों की सुनवाई जारी रखी गई। वहीं सिविल के मामलों की सुनवाई पूर्ण रूप से बंद रही।
दो माह में 200 मामलों की हुई है सुनवाई
कोरोना महामारी में जहा एक ओर जिले भर के 2 सैशन, 1 फेमिली तथा 6 लोअर कोर्ट में कार्य पूरी तरह से बंद रखा गया, वहीं दूसरी ओर उच्चतम न्यायालय दिल्ली तथा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों पर डिस्ट्रिक्ट जज पठानकोट कंवलजीत सिंह बाजवा ने ज्यूडीशियल कोर्ट में वीडियो काफ्रेंसिंग के माध्यम से जरूरी मामलों की सुनवाई जारी रखी। इसमें बड़ी मात्रा में वेल के मामले सुने गए। कोर्ट में कंप्यूटर के माध्यम से सभी पक्ष अपने घरों अथवा जिस भी स्थान पर हो, वहीं से मामले की सुनवाई करवाई गई। केस डिस्पोजल में टॉप पर है पठानकोट की कोर्ट : नवदीप सैनी
बार ऐसोसिएशन पठानकोट के अध्यक्ष नवदीप सैनी ने कहा कि पठानकोट की कोर्ट, केस डिस्पोजल के मामलों में हाईकोर्ट की नजर में टॉप रेकिंग पर आती है। वैसे भी हाइकोर्ट की नई डायरेक्शन के आधार पर इस साल पहली जून से लेकर 30 जून तक कोर्ट की छुट्टियों को रद किये जाने का फैसला लिया जा चुका है। ऐसे में पहली जून से जैसे ही सिविल कोर्ट शुरू होगी तो इनके मामले आगामी कुछ ही दिनों में अदालतों में सुन लिये जाएंगे। जून में क्रिमिनल मामलों के साथ-साथ सिविल के मामले, अंतरिम मामले तथा अन्य मामलों की सुनवाई होने की भी प्रबल संभावना है।