कठुआ केसः बच्ची के पिता के बयान की अनुवादित कॉपी से पेज गायब, बचाव पक्ष ने लगाई याचिका
कठुआ मामले में सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने पीडि़ता के पिता के बयान की अनुवादित कॉपी से छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए हैं।
जेेेएनएन, पठानकोट। कठुआ मामले में वीरवार को बचाव पक्ष ने दो याचिकाएं अदालत में दायर कीं। याचिकाओं में आरोप लगाए गए कि पीडि़ता के पिता के बयान हिंदी से उर्दू में अनुवादित किए जा रहे हैं। अनुवादित कॉपी में छेड़छाड़ की गई है। वहीं एक अन्य याचिका में कहा गया कि अनुवादित कॉपियों में एक पेज ही गायब है, जिससे तथ्य छिपाए गए हैं।
दोपहर 12 बजे मामले के चौथे गवाह यानी पीडि़ता के पिता की गवाही शुरू हुई तो बचाव पक्ष ने इस पर आपत्ति जताते हुए पहली याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि मृतक लड़की के पिता के बयानों और उर्दू से अंग्रेजी में अनुवाद कर दी गई कापी में अंतर है।
मृतका के पिता के बयान के अनुसार उन्होंने 11 जनवरी 2018 को बयान दर्ज करवाए, जबकि उन्हें अनुवाद कर दी गई कॉपी में ये तारीख ही नहीं है। आरोप लगाए गए कि क्राइम ब्रांच ने ऐसे तथ्य कोर्ट से सिर्फ केस को अपनी सुविधा अनुसार तैयार करने के लिए छिपाए हैं। बचाव पक्ष की ओर से इस पर संज्ञान लेने की अपील की गई है। इसके बाद जब मृतका के पिता के पेज नंबर 421 और 422 पर लिखे बयान पढ़े जा रहे थे तो उसकी अनुवादित कॉपी में 422 नंबर पेज नहीं था।
बचाव पक्ष ने इस पर दोबारा आपत्ति जताई और एक अन्य याचिका अदालत में लगाई। याचिका में कहा गया कि बयान की अनुवादित कॉपी में ये पेज इसलिए नहीं लगाया गया चूंकि कोर्ट को दी गई कॉपी अंग्रेजी भाषा में है। इस याचिका में भी कड़ा संज्ञान लेने की अपील की गई। इसके बाद बचाव पक्ष की ओर से बयान का क्रॉस एग्जामिनेशन शुरू किया गया जो कि दो घंटे तक जारी रहा। शुक्रवार को मृतक बच्ची के पिता से क्रास एग्जामिनेशन जारी रहेगा।
नाबालिग मामले में एडमिशन फार्म न होने पर लगाई याचिका रद
आरोपित प्रवेश मन्नू के नाबालिग होने को लेकर अदालत में पेश रिपोर्ट में एडमिशन फार्म अटैच न होने पर भी बचाव पक्ष ने आपत्ति जताई। हालांकि अदालत ने बचाव पक्ष की इस आपत्ति को खारिज कर दिया। बचाव पक्ष ने कहा कि वे रद हुई याचिका को लेकर हाईकोर्ट जाएंगे।
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