तीन दशक पहले मिले जख्मों पर सरकार ने लगाया मरहम
पिछले तीन दशकों से अपनी जमीन से कटने का दुख कम नहीं बल्कि बढ़ता गया है।
जासं, पठानकोट : पिछले तीन दशकों से अपनी जमीन से कटने का दुख कम नहीं बल्कि बढ़ता गया है। लेकिन केंद्र सरकार का धारा 370 को लेकर फैसला जख्मों पर मरहम वाला है। कभी सोचा नहीं था कि उनके कश्मीर समस्या को लेकर सरकार दढ़ता भरा कदम उठाएगी। यह कहना है कश्मीरी पंडित और पठानकोट निवासी जवाहर कौल का। बताते हैं कि श्रीनगर के लाल चौक में उनका पैतृक मकान था, पर 1990 के हालातों ने उन्हें अपनी मिट्टी से दूर कर दिया। अब 29 साल का लंबा अरसा बीत चुका है और दर्द अभी हृदय में बरकरार है। उनके मन में यह था कि अब हालात बदलेंगे, कल हालात बदलेंगे पर ऐसा कुछ नहीं हो सका। मजबूरन एक साल पहले
उन्हें श्रीनगर का पैतृक मकान बेचने को मजबूर होना पड़ा। जेएंडके की हसीन वादियों में उनका अपना आशियान था, सब अपने थे पर हालातों ने उन्हें बेगाना बना दिया। वह परिवार के साथ पठानकोट में बस चुके हैं तो उनके अन्य तीन भाई देश के अलग - अलग कोनों में नौकरी के साथ वहां बस चुके हैं। पर आज भी श्रीनगर में उनके पैतृक मकान की यादें जेहन में बसी हैं, जिनके ताजा होने पर मन भारी हो जाता है। सोमवार को केंद्र सरकार ने जेएंडके को लेकर मजबूत फैसला लिया है, इससे उनके भीतर एक सुकून का अहसास भरा। वह अपना सब कुछ गंवा चुके हैं पर आगामी दिनों में कश्मीर के हालात सुधरते हैं तो उन्हें यह अनुभव होगा कि उनके विस्थापन का दर्द कम हो गया। इस सरकार की कार्यशैली से आश्वस्त हैं कि कश्मीर फिर स्वर्ग बनेगा।
कश्मीर पूरे भारत का अहम अंग : सुधीर गुप्ता
कश्मीरी पंडित एवं सेवानिवृत मुख्य अभियंता सुधीर गुप्ता का कहना है कि जो देशहित में था, केंद्र सरकार की ओर से वहीं किया गया है। कश्मीर पूरे भारतवर्ष का अहम अंग है। यहां पर जिस तरह के हालात बनाए गए थे, उससे यह प्रतीत होने लगा था कि इसमें सुधार होना मुश्किल है। अब सरकार ने ऐसा निर्णय लिया है जिससे कि कश्मीर समस्या का हल होगा। कश्मीरी पंडितों को उनकी जड़ों से उखाड़ा गया था, सरकार ने अपने फैसले से यह संदेश दिया है कि जेएंडके में हर वर्ग का समान अधिकार है। देशविरोधी गतिविधियों के लिए भारत में कोई जगह नहीं है।
देशवासियों के लिए ऐतिहासिक दिन : सुरेश रैना
कश्मीर पंडित सुरेश रैना का कहना है कि यह पूरे देशवासियों के लिए खुशी और ऐतिहासिक दिन है। जिस मुद्दे पर कोई भी समाधान का प्रयास नहीं करता था, इस दिशा में सरकार ने कदम उठाया है जोकि सराहनीय हैं। वहीं, सुनील ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से इस फैसले को पहले ही लिया जाना चाहिए था। केंद्र के इस फैसले ने कश्मीरी पंडितों ही नही बल्कि पूरे देशवासियों के दिल को जीत लिया है। हम सरकार के आभारी हैं और आग्रह करते हैं कि जम्मू कश्मीर के विकास की तरफ कदम बढ़ाए।
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