पराली जला नहीं उपयोग कर रहे किसान
पंजाब सरकार के दिशा निर्देशों मुताबिक पंजाब के किसान अगर कोई धान की पराली जलाता है तो उस पर पर्चा दर्ज हो जाता है।
संवाद सहयोगी, मामून : पंजाब सरकार के दिशा निर्देशों मुताबिक पंजाब के किसान अगर कोई धान की पराली जलाता है तो उस पर पर्चा दर्ज हो जाता है। अब प्रशासन ने गांवों के सरपंच पर यह जिम्मेदारी डाल दी है कि अगर कोई गांव का किसान धान की पराली को जलाता है तो सरपंच के ऊपर भी कार्रवाई की जाएगी। पठानकोट के साथ लगते काफी गांव है जो जहां के किसान धान की पराली को जलाते नहीं है। वह धान की पराली को अपना इंकम सोर्स मानते हैं।
गांव पंगोली के किसान ठाकुर सोहन सिंह जग्गी, गांव पडियालाहडी के किसान ठाकुर रविद्र सिंह, गांव मनवाल के किसान ठाकुर बलराम सिंह ने कहा है कि धान की पराली गुज्जर समुदाय के लोगों को 3500 रुपए किले के हिसाब से दे रहे हैं। गुज्जर समुदाय के लोग पराली को इकट्ठा करके अपने पशुओं का चारा बनाकर रख लेते हैं। इस पराली से गुजर समुदाय के लोग पूरा वर्ष अपने पशुओं को धान की पराली चारे के रूप में डालते हैं और किसान इन गुज्जरों से देसी खाद लेते हैं और अपनी जमीन में वह देसी खाद डालते हैं जोकि उपजाऊ जमीन के लिए बहुत लाभकारी होती है।