आंखों देखी : भारी वाहन स्थल पर हुआ था आतंकियों से पहला मुकाबला
एनएसजी, एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो और आतंकियों के बीच पहली मुठभेड़ 2 जनवरी सुबह साढ़े तीन बजे एयरबेस के भारी वाहन खड़े के गैराज के निकट हुई । यह जगह एयरफोर्स स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार एक किमी अंदर है।
पठानकोट, [अशोक नीर]। नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी), एयरफोर्स के गरुड़ कमांडो और आतंकियों के बीच पहली मुठभेड़ 2 जनवरी तड़के साढ़े तीन बजे एयरबेस के भारी वाहन खड़े होने के स्थान पर गैराज के पास हुई थी। यह जगह स्टेशन के मुख्य प्रवेश द्वार एक किमी अंदर स्थित है। यहीं गरुड़ कमांडो गुरसेवक सिंह शहीद हुए थे।
आतंकियों ने की भारी गोलीबारी, कई वाहन जल कर खाक
रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के साथ मीडिया कर्मियों एयरफोर्स स्टेशन के मुआयने के दौरान यह बात सामने आई। आतंकवादी किसी सुरक्षित जगह में छिपने के लिए निरंतर एके 47 से गोलियां बरसा रहे थे। गोलाबारी के दौरान भारी वाहन स्थल में खड़े कुछ वाहन भी जलकर राख हो गए। कुछ मीटर आगे बढऩे पर दाएं खड़ी कुछ मोटरसाइकिलों में भी आग लगी हुई थी।
सबसे पहले हिमाचल के जवान जगदीश राज ने देखे आतंकी
जहां डिफेंस सिक्योरिटी कार्प (डीएससी) के साथ मुकाबला हुआ वहां पर मेस है। मेस के कर्मचारी तड़के वहां नाश्ते की तैयारी कर रहे तो वहां मौजूद जवान जगदीश राज ने आतंकियों को देख लिया। वह एक आतंकी से भिड़ गए। जगदीश राज ने उसकी एके-47 छीन कर उस पर गोलियां दाग दीं। आतंकी वहीं ढेर हो गया। दूसरे आतंकियों ने जब देखा कि उनका एक साथी मारा गया तो उन्होंने कुछ कदम पीछे आकर जगदीश राज पर गोलियां बरसा कर उन्हें शहीद कर दिया।
एयरफाेर्स स्टेशन में तैनात सेना के जवान।
जांच में जुटे हैं एनआइए के अधिकारी
मेस के साथ एक बड़ा खुला क्षेत्र है, जहां से अब सरकंडा साफ कर दिया गया है। यहीं पर आतंकवादियों की लाशें सड़ी गली हुई हालत में पड़ी थीं। एनआइए ने वहां बाड़ लगा दी है। वहां नेशनल इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी (एनआइए) के अधिकारी जांच कर रहे थे।
इसी क्षेत्र के साथ ही एयरफोर्स के जवानों व अधिकारियों की रिहायश हैं। एयरफोर्स के अधिकारियों ने वह भवन भी दिखाया जिस भवन में आतंकी छिपे हुए थे। इस भवन का मलबा अब उठा लिया गया है। आतंकवादियों ने सेना की वर्दी पहनी हुई है। एनआइए के अधिकारी मुठभेड़ स्थल के चप्पे-चप्पे का निरीक्षण करते हुए प्वाइंट नोट करते व फोटो खींच रहे थे।