सिविल की डिस्पेंसरी से मिली एक्सपायर्ड दवा
दो साल से कायाकल्प अवॉर्ड जीत रहे सिविल अस्पताल में इंस्पेक्शन के लिए पहुंची टीम को एक्सपायर्ड दवा मिलने से स्टाफ के हाथ-पांव फूल गए।
संस, पठानकोट : दो साल से कायाकल्प अवॉर्ड जीत रहे सिविल अस्पताल में इंस्पेक्शन के लिए पहुंची टीम को एक्सपायर्ड दवा मिलने से स्टाफ के हाथ-पांव फूल गए। कायाकल्प अवॉर्ड-2018 के तहत मोहाली से आई इंस्पेक्शन टीम सिविल अस्पताल की डिस्पेंसरी में जांच कर रही थी। इसी दौरान डिस्पेंसरी के रैक के कोने में रखी धूल फांक रही दवा को जैसे ही टीम ने उठाकर एक्सपायरी डेट चेक की तो स्टाफ के होश उड़ गए। टीम ने स्टाफ से इसका जवाब पूछा तो एसएमओ डॉ. भू¨पदर ¨सह ने बताया कि यह दवा तो कम ही बिकती है इसलिए कोने में पड़ी एक्सपायर हो गई। इसके बाद जांच टीम ने यह दवा डिस्पेंसरी से हटवा दी। डिस्पेंसरी समेत जांच टीम ने सिविल अस्पताल में 750 प्वाईंटस पर जांच की। हालांकि डिस्पेंसरी के अलावा कहीं और कोई खामी नहीं मिली। पिछले दो सालों से अवार्ड जीत रहे अस्पताल को इस बार भी इंस्पेक्शन टीम ने मॉडल अस्पताल और बेस्ट अस्पताल बताते हुए इस बार भी अस्पताल के अवॉर्ड जीतने के संकते दे दिए। कायाकल्प अवार्ड-2018 के अंतिम चरण की इंस्पेक्शन के लिए इंस्पेक्शन टीम प्रमुख डॉ. विक्रांत और डॉ. गगनदीप कौर की अगुवाई में सुबह दस बजे ही अस्पताल पहुंची। टीम ने अस्पताल में दवाओं की जांच, साफ-सफाई के प्रबंध, बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट समेत विभिन्न पहलुओं की जांच की गई। अस्पताल की कार्यशैली पर बनी वीडियोग्राफी को भी जांचा गया। डिस्पेंसरी में एक्सपायर्ड दवा के अलावा कोई बड़ी खामी अस्पताल में टीम को नहीं मिली। हालांकि कई छोटी खामियां इंस्पेक्शन टीम ने स्टाफ को जरूर गिनाईं। काबिलेगौर हो कि अस्पताल की इंस्पेक्शन के बाद उक्त टीम की ओर से अस्पताल को नंबर दिए जाएंगे जिसकी रिपोर्ट सेहत मंत्री, हेल्थ डायरेक्टर समेत हेल्थ सचिव को भी सौंपी जाएगी। पिछली बार की तरह ही इस बार भी यह इंस्पेक्शन क्वालिटी एश्योरेंस से होकर गुजरेगी। बता दें कि साल 2016 और 2017 में सिविल अस्पताल यह अवॉर्ड जीत चुका है।
चार अस्पतालों की इंस्पेक्शन पूरी
कायाकल्प के तहत पहुंची इंस्पेक्शन टीम के प्रमुख डॉ. विक्रांत ने बताया कि कायाकल्प योजना के तहत पठानकोट, अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन अस्पतालों की इंस्पेक्शन पूरी हो गई है। जबकि 18 जिला अस्पतालों की इंस्पेक्शन बाकी है। यह प्रक्रिया 29 नवंबर को पूरी हो जाएगी। अगली इंस्पेक्शन 30 अक्टूबर को मोगा सरकारी अस्पताल की होगी। इन सबकी रिपोर्ट सेहत विभाग के उच्चाधिकारियों को भेजीं जाएंगी। उसी अधार पर मेरिट लिस्ट तैयार होगी। जिसका परिणाम दिसंबर में आने की संभावना है। डाक्टर विक्रांत के अनुसार कायकल्प योजना में विजेता अस्पताल को 50 लाख रूपए व ट्राफी दी जाएगी। यह ईनामी राशि अस्पताल के नवीनीकरण पर खर्च होगी।