रात को इमरजेंसी वार्ड एक डॉक्टर, नर्स व वार्डन के सहारे
जिले के सबसे बड़े सिविल अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में रात्रि के समय मात्र एक डॉक्टर एक स्टाफ नर्स और एक वार्डन की ड्यूटी रहती है।
संवाद सहयोगी, पठानकोट : जिले के सबसे बड़े सिविल अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड में रात्रि के समय मात्र एक डॉक्टर, एक स्टाफ नर्स और एक वार्डन की ड्यूटी रहती है, जबकि इमरजेंसी वार्ड में रात के समय कम से कम 3 स्टाफ नर्स की ड्यूटी होनी चाहिए। रात के समय यदि कोई गंभीर मरीज या कोई बड़ा हादसा आता है तो एक अकेली नर्स और एक वार्डन के लिए स्थिति नियंत्रण करना मुश्किल हो सकता है। हालांकि दिन के समय तीन स्टाफ नर्स लोगों की सेवाओं में होती है। कुछ माह पहले रात के समय दो स्टाफ नर्स इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर तैनात रहती थी और एक स्टाफ नर्स के नौकरी छोड़ने के बाद दूसरी स्टाफ नर्स रात्रि के समय इमरजेंसी वार्ड में अकेले ड्यूटी निभा रही है। नर्स की 20 पोस्टें पड़ी खाली
सिविल अस्पताल में कुल 52 पोस्टें स्टाफ नर्स की है जिसमें मात्र 32 पोस्टें भरी हुई है और बाकी की 20 पोस्टें खाली पड़ी है। इन 32 स्टाफ नर्सो की प्रत्येक वार्ड में ड्यूटी लगी होने के कारण रात्रि के समय ड्यूटी पर स्टाफ की कमी हो जाती है। कई वर्षो से चल रही स्टाफ की कमी
एसएमओ डॉ. भूपिद्र सिंह ने बताया कि अस्पताल में पिछले कई वर्षों से कमी चल रही है और इस कमी को ध्यान में रखते हुए विभाग को भी कई बार लिख कर भेजा जा चुका है। जल्द इस समस्या का हल विभाग द्वारा किया जाएगा।