जिले में 120 क्लबों ने धूमधाम से मनाया दशहरा, बुराई पर अच्छाई की जीत का दिया संदेश
जिलेभर में करीब 120 रामलीला क्लबों द्वारा दशहरा पर्व मनाया गया। सिटी में पिछली बार की तरह इस बार भी करीब 20 प्रमुख स्थानों पर ही कार्यक्रम आयोजित किए।
जागरण टीम, पठानकोट/सुजानपुर/माधोपुर/नरोट जैमल सिह : रविवार को जिले में धूमधाम से दशहरा पर्व मनाया गया। जिले में कहीं भी कोई अप्रिय घटना घटित नहीं हुई और सभी जगह शांतिपूर्वक तरीके से कार्यक्रम संपन्न हो गए। जिलेभर में करीब 120 रामलीला क्लबों द्वारा दशहरा पर्व मनाया गया। सिटी में पिछली बार की तरह इस बार भी करीब 20 प्रमुख स्थानों पर ही कार्यक्रम आयोजित किए। कोरोना से पहले जहां श्रीकृष्णा नाटक क्लब सहित शहर की प्रमुख रामलीला क्लबें 35 से 40 फीट तक के पुतले बनवाती थी, वहीं पिछली बार की तरह इस बार भी ज्यादातर राम लीला क्लबों द्वारा 25 से 30 फीट तक के ही पुतले जलाए गए। वहीं सुजानपुर में दो तथा माधोपुर में एक राम लीला क्लब ने दशहरा मनाया। श्री राम लीला क्लब ने स्टेडियम तथा सूर्यवंशी रामा नाटक क्लब ने बिजली ग्राउंड में दशहरा पर्व मनाया। जबकि, माधोपुर स्थित माधोपुर सीपीडब्ल्यूडी ड्रामाटिक क्लब ने सीपीडल्यूडी क्लब ने दशहरा मनाया। तीनों क्लबों ने रावण, कुंभकरण व मेघनाद के पुतले बनाए थे।
इधर, कस्बा नरोट जैमल सिंह में न्यू रामा नाटक क्लब की ओर से सरकारी डिग्री कालेज के समीप दशहरे का पर्व कोरोना के नियमों को ध्यान में रखते हुए बड़ी हर्ष उल्लास व श्रद्धा भावना से मनाया गया। दशहरे में रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले बनाए गए। पूरे बाजार व मोहल्लों में राम लक्ष्मण अथवा हनुमान की झांकियां भी निकाली गई। क्लब के पात्र सोनू शर्मा ने बताया कि विजय दशमी का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है जिससे हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए।
दशहरा प्रबंधक कमेटियों ने सुबह 11 बजे ही ग्रांउड में पुतले लगाने शुरू कर दिए थे। इसके बाद दिन भर लोगों ने अपनी सुविधा अनुसार पुतलों को माथा टेका। शाम को लोगों ने कोरोना के चलते ग्राउंड में जाने के बजाय घरों में ही रहकर भगवान श्री राम की पूजा अर्चना की।
कोविड-19 के तहत जारी गाइडलाइंस का हुआ पालन
दशहरा मनाने वाली राम लीला क्लबों ने कोविड-19 की गाइडलाइंस का पूरी तरह पालन किया। दशहरा ग्रांउड में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति ने मास्क पहन रखा था। हालांकि, कुछेक दशहरा ग्राउंड में लोगों की ज्यादा भीड़ देखी गई परंतु बावजूद इसके लोग शारीरिक दूरी का पालन करते देखे गए। घर में रहकर की पूजा
शहर के विक्टोरिया एस्टेट एरिया में रहने वाली माडल मोनिक जंझूया, रिटायर्ड तहसीलदार ब्राह्मा दत्त, टेलीफोन एडवाइजरी कमेटी सदस्य प्रबोध चंद्र, जूनियर इंजीनियर सतीश कुमार आदि ने कहा कि वह सुबह रावण के बुत्त को माथा टेक आए थे। हालांकि शाम को भी वह बुत्त को दहन होने की रस्म को देखना चाहते थे, लेकिन कोरोना के चलते उन्होंन अपने परिवार संग ही भगवान श्रीराम चंद्र, माता सीता, वीर लक्ष्मण व हनुमान की पूजा अर्चना करके विश्व की मंगल कामना के लिए दुआ की। जिलेभर में सुरक्षा का थे पुख्ता इंतजाम : एसपी
एसपी जिला हेडक्वार्टर मनोज ठाकुर ने बताया कि दशहरा पर्व को लेकर जिलेभर में सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद किया गया था। प्रत्येक राम लीला क्लब द्वारा मनाए जा रहे दशहरा ग्राउंड में पांच से सात कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। सिटी एरिया में यह आंकड़ा लगभग डबल था ताकि किसी किस्म की कोई अप्रिय घटना घटित न हो। इसके अलावा सभी प्रमुख नाकों व सिटी में ट्रैफिक को कंट्रोल करने के लिए भी अतिरिक्त संख्या में जवानों व अधिकारियों की तैनाती की गई थी।