विनोद के लिए समय नहीं, भरोसे पर करना है फतेह
कोरोना वायरस रोकथाम को सिविल सर्जन डॉ. विनोद सरीन आफिस और फील्ड में डटे हैं।
कोरोना वायरस रोकथाम को सिविल सर्जन डॉ. विनोद सरीन आफिस और फील्ड में डटे हैं। उनके कंधों पर पूरे जिले की जिम्मेदारी है। इन दिनों काम का दवाब है। मुश्किल से वह अपने सरकारी आवास में चार घंटे आराम करने के लिए जाते हैं। नहीं तो अधिक समय तक वे कार्यालय में ही ड्यूटी पर रहते हैं। संकट की इस घड़ी में कोई इमरजेंसी होती है तो वह इससे निपटने के लिए तैयार है। इमरजेंसी होने पर रात के दो बजे तक कार्यालय में ड्यूटी निभानी पड़ रही है। अपनी रहनुमाई में सिविल अस्पताल पठानकोट और जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों के साथ समन्वय बनाए हुए हैं। लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देने, क्वारंटाइन होम, आइसोलेशन वार्ड, सर्वे टीम, प्रशासन के साथ तालमेल वह बनाए हुए हैं।
............
समय पर कर रहे कार्यालय का काम
सिविल सर्जन डॉ. विनोद सरीन ने बताया कि इन दिनों उन्हें काफी सतर्क रहना पड़ता है क्योंकि अगर जिले में कोरोना को लेकर कोई भी हलचल होती है तो पूरे स्टाफ के साथ मरीज की जांच के लिए रवाना होना पड़ता है। इसी दौरान कार्यालय का काम भी समय अनुसार पूरा किया जा रहा है। दूसरे देशों से आने वाले लोगों की उनके हेल्थ कर्मचारियों की टीमों की ओर से ढूंढा जा रहा है और कई लोगों का तो क्वारंटाइन भी पूरा हो चुका है। जो बिलकुल स्वस्थ है। कई लोगों का अभी चेकअप भी किया जा रहा है और इनमें अभी तक कोई कोरोना वायरस संबंधी सिमटम नहीं आए। उन्होंने कहा कि जिसे भी जो जिम्मेवारी मिली है उसे पूरा करके देशहित में अपना योगदान दे ताकि कोरोना जैसी महामारी को देश से बाहर का रास्ता दिखाया जा सके।
........................लोगों की सुरक्षा बनाई रेपिड रिस्पांस टीमें
कोरोना वायरस से बचाव के लिए डाक्टरों, स्टाफ व मरीजों को सेनिटाइज, मास्क मुहैया करवाए जा रहे है और अस्पतालों के प्रत्येक वार्ड में सफाई कर्मियों की ओर से सैनिटाइज भी किया जा रहा है। ताकि वायरस की चपेट में कोई भी कर्मी या मरीज न आए। इसी तरह रेपिड रिस्पांस, मोबाइल टीमें बनाई गई है जो लोगों का सर्वे कर जांच कर रही है। डाक्टरों व स्टाफ द्वारा लोगों से फिजिकल डिस्टेंस बनाकर चेकअप किया जा रहा है और चेकअप करते समय पूरी सावधानी भी बरती जा रही है।