नौकरी के लिए पाच विस्थापित मलिकपुर में पानी की टंकी पर चढ़े
शाहपुरकंडी बाध में विस्थापित परिवारों को मिलने वाले रोजगार में धाधली किए जाने का आरोप लगाते हुए विस्थापित परिवारों के पाच सदस्य बुधवार को जिला प्रबंधकीय काप्लेक्स मलिकपुर की पानी की टंकी पर चढ़ गए।
संवाद सहयोगी, सरना/नरोट मेहरा
शाहपुरकंडी बाध में विस्थापित परिवारों को मिलने वाले रोजगार में धाधली किए जाने का आरोप लगाते हुए विस्थापित परिवारों के पाच सदस्य बुधवार को जिला प्रबंधकीय काप्लेक्स मलिकपुर की पानी की टंकी पर चढ़ गए। बाध विस्थापित परिवारों ने आरोप लगाया कि शाहपुरकंडी बाध परियोजना में विस्थापित परिवारों की बजाए अयोग्य लोगों को धाधली करके नौकरी दी जा रही है। इसके लिए बड़े स्तर पर धाधली करते हुए बाध प्रशासन के कुछ अधिकारी सरकारी दस्तावेजों से छेड़छाड़ करके अपने चहेतों को नौकरिया दे रहे हैं। शाहपुरकंडी बाध के भूमि अधिग्रहण में जमीन देने वाले विस्थापित परिवारों के टंकी पर चढ़े सदस्यों ने जिला प्रशासन एवं बाध प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और इंसाफ की माग की।
दोपहर करीब दो बजे टंकी पर चढ़े सदस्य देर शाम खबर लिखे जाने तक टंकी पर ही थे। इस दौरान एसडीएम पठानकोट अर्शदीप लुबाना, डीएसपी धारकला आसवंर्त ंसह, नायब तहसीलदार अर्रंवद सलवान, डीसी दफ्तर से र्जंतदर कुमार और एसएचओ दर्लंवदर शर्मा मौके पर पहुंच कर बाध विस्थापितों को शात करवाने पहुंचे थे। टंकी पर चढ़े दयाल सिंह, अरुण सिंह, दिलबाग सिंह, करण सिंह और समर सिंह जिद पर अड़े रहे।
जानकारी के अनुसार शाहपुरकंडी बाध परियोजना के निर्माण के समय अपनी जमीन देने वाले बाध औसती परिवारों को तत्कालीन सरकार ने रोजगार देने का वादा किया था। इसी के तहत बाध विस्थापित परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जा रही है। लेकिन कुछेक बाध विस्थापित परिवार का कहना है कि प्रशासन की मिलीभगत से सरकारी दस्तावेजों में छेड़छाड़ करके अयोग्य लोगों को रोजगार दिया जा रहा है। जबकि असल हकदारों को नौकरी नहीं मिल रही है।