जाखड़ की हार पर रार, बैठक में नेता आपस में उलझे, एक ने मांगी माफी तो दूसरा बोला- डिप्रेशन में हूं
लोकसभा चुनाव में हार के बाद जिला कांग्रेस ने शनिवार को पहली बार सार्वजनिक मंच पर सुनील जाखड़ के साथ मंथन किया।
जेएनएन, पठानकोट। लोकसभा चुनाव में हार के बाद जिला कांग्रेस ने शनिवार को पहली बार सार्वजनिक मंच पर सुनील जाखड़ के साथ मंथन किया। बैठक में पठानकोट, भोआ और सुजानपुर हलके से विधायक, संगठन के पदाधिकारी व नेता आए। पठानकोट से विधायक अमित विज और भोआ के विधायक जोगिंदर पाल ने अपने-अपने हलके से लीड न दिला पाने के लिए जाखड़ से माफी मांगी। इस दौरान पार्टी में काली भेड़ों और वर्करों की अनदेखी का मुद्दा खूब गूंजा।
चुनाव में कुछ नेताओं की भूमिका पर भी सवाल उठे, साथ में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संजीव बैंस ने वर्करों की अनदेखी की बात कही। यह बात भोआ के विधायक जोगिंद्र पाल को नागवार लगी और उन्होंने यहां तक कह दिया कि पिछले डेढ़ साल में वर्करों से हाथ मिलाने में बाजू टूट गई व किसी को तंग नहीं किया, ऐसे में इस तरह की बातें जिला अध्यक्ष न करें। वर्करों के हित में कहने से पहले जिला अध्यक्ष यह बताएं कि उन्होंने सुजानपुर व भोआ में खुद कितनी बैठकें कीं।
पठानकोट से कांग्रेस उम्मीदवार के पिछड़ने पर नेताओं ने खुद को कसूरवार ठहराया। संगठन ने आला नेताओं पर वर्करों को नजरंदाज करने को ही लोकसभा चुनाव में हार का कारण गिनाया। हालांकि पूरे कार्यक्रम में मंच पर सुनील जाखड़ खामोश रहे और उन्होंने नेताओं से लेकर वर्करों तक को छींटाकशी न करने की नसीहत दी। इस दौरान सुजानपुर विस हलके से 35 हजार वोटों से जाखड़ के पिछडऩे पर अमित मंटू, नरेश पुरी, विनय महाजन ने अपने प्रदर्शन के लिए खेद जताया। साथ ही सुजानपुर हलके में एक नेता का चेहरा स्थापित करने की बात उठी।
बैठक में नेताओं और वर्करों ने जाखड़ से इस्तीफा वापस लेने को लेकर भी नारे लगाए। भोआ के विधायक जोगिंदर पाल ने कहा कि जाखड़ की हार से डिप्रेशन में हूं। उन्होंने कहा कि जाखड़ व वर्कर कहें तो वह पद से इस्तीफा दे देंगे। वहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष संजीव बैंस ने कहा कि जीत होने पर नेता इसका क्रेडिट खुद लेते हैं और जब हार होती है तो कार्यकर्ताओं पर इसे डाल देते हैं।
हार से बहुत मायूस हो गया हूं : जाखड़
सुनील जाखड़ ने साफतौर पर कहा कि वह हार से मायूस हो गए हैं। हार शब्द उन्हें पसंद नहीं हैष चुनाव के समय फूलों के हार पहनने से इन्कार कर देते थे। लेकिन चुनाव के नतीजे आते रहते हैं। कुछ कमियां हमारे स्तर पर रह गई थीं। यही कारण है कि चुनाव का परिणाम पक्ष में नहीं आया। अब समय है कि छींटाकशी न करें और जिम्मेदारी के साथ काम करें। उनका सभी लोगों ने साथ दिया है और वो भविष्य में गुरदासपुर की जनता के साथ जुड़ा रहना चाहते हैं। पहले वह काम उत्साह से करते थे और अब उन्हें दायित्व समझकर करना होगा।
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