भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड ने जलाशयों का किया निरीक्षण
केंद्र सरकार के भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की हाई लेवल टीम चेयरमैन देवेंद्र कुमार शर्मा की अगुवाई में पठानकोट पहुंची।
संस, घरोटा : केंद्र सरकार के भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की हाई लेवल टीम चेयरमैन देवेंद्र कुमार शर्मा की अगुवाई में पठानकोट पहुंची। टीम की ओर से ब्लॉक घरोटा के गुलपुर एस्केप चैनल व नलवा दरिया का दौरा किया गया। इस दौरान टीम की ने जलाशयों के किनारे हो रहे भूमि कटाव, जलाशयों के पानी को चैनलाइज करने समेत कई अन्य तथ्यों की जांच की। टीम की ओर से प्रभावित हेड रेगुलेटर-72720 एवं प्रभावित हो रहे पुलों का निरीक्षण भी किया। काबिलेगौर हो कि अवैध माई¨नग के चलते घरोटा में पुलों के अस्तित्व को खतरा बना हुआ है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड के चेयरमैन देवेंद्र कुमार शर्मा समेत हाइ लेवल टीम ने पड़ोसी देश पाकिस्तान को जा रहे फालतू पानी को रोकने के लिए गुलपुर चैनल व नलवा दरिया को चैनलाइज करने पर चर्चा की और सबंधित अधिकारियों को इसके लिए केस तैयार करने का आदेश दिया। जिससे पर्याप्त मात्रा में बिजली उत्पादन के साथ राजस्थान के अतिरिक्त निकटवर्ती क्षेत्र को ¨सचाई हेतु पानी उपलब्ध करवाया जा सके। बता दें कि दैनिक जागरण समय समय पर क्षेत्र की इस मांग को प्रमुखता से प्रकाशित करता रहा है। जिसके बाद टीम ने मौके का दौरा करके निरीक्षण किया है। केंद्र सरकार की हाई लेवल टीम मैनेजमेंट बोर्ड के सदस्य व ¨सचाई विभाग के अधिकारी भी मौके पर उपस्थित थे। बोर्ड के चेयरमैन देवेंद्र कुमार शर्मा ने पड़ोसी देश पाकिस्तान को जा रहे फालतू पानी को देश में ही ¨सचाई के लिए प्रयोग करने की संभावनाओं की जानकारी। इसके लिए गुलपुर एंव नलवा दरिया को चैनलाइज करने पर चर्चा हुई। वहीं उन्होंने पूरी क्षमता से बिजली उत्पादन करने के अलावा अन्य नए पॉवर हाऊस निर्माण की संभावना पर चर्चा की। इससे पहले उन्होंने यूबीडीसी एस्केप चैनल-72420 के अतिरिक्त गुलपुर एस्केप चैनल के प्रभावित प्वाईटों का भी निरीक्षण किया। चीफ इंजीनियर इरिगेशन जसवीर ¨सह, एससी मंजीत ¨सह, एक्सईएन जे.राज, बोर्ड अधिकारी इंजीनियर जसवीर ¨सह व जेपी ¨सह समेत अन्य अधिकारी मौके पर उपस्थित थे।
ब्लाक विकास संघर्ष समिति ने किया स्वागत
उधर ब्लाक विकास संघर्ष समिति की ओर से क्षेत्र के प्रमुख दरियाओं को चैनलाइज करने की तैयारियों का स्वागत किया गया है। संघर्ष समिति ने कहा कि दरियाओं के तेज पानी से हो रहे भूमि कटाव की समस्या का स्थायी समाधान होगा। वहीं यदि नए पॉवर हाउस लगते हैं तो इससे रोजगार के साथ विद्युत उत्पादन व ¨सचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा जो कि सराहनीय प्रयास है।