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शाहपुरकंडी बैराज परियोजना का काम पकड़ेगा रफ्तार

जुगियाल रणजीत सागर बांध परियोजना की दूसरी 206 मेगावाट शाहपुरकंडी बैराज परियोजना का काम तेजी से चलेगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 10:16 PM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2020 06:09 AM (IST)
शाहपुरकंडी बैराज परियोजना का काम पकड़ेगा रफ्तार
शाहपुरकंडी बैराज परियोजना का काम पकड़ेगा रफ्तार

संवाद सहयोगी, जुगियाल: रणजीत सागर बांध परियोजना की दूसरी 206 मेगावाट शाहपुरकंडी बैराज परियोजना का काम तेजी से चलेगा। हालांकि कोविड 19 के कारण कई मजदूर अपने पैतृक गांवों को लौट गए हैं, फिर भी मैनेजमेंट ने 400 और प्रवासी मजदूरों को मंगवाने के लिए जिला प्रशासन से अनुमति मांगी है। सोमा कंपनी ने पंजाब के हिस्से का मूलरूप काम रावी दरिया को आर- पार करने के लिए पूरा करना है, जो लगभग पूरा होने को है। इसमें एक से लेकर 15 तक गेटों का निर्माण पंजाब क्षेत्र में होगा और इसी प्रकार 16 से 22 गेटों का निर्माण जम्मू कश्मीर के क्षेत्र में होगा। इसी के साथ पंजाब में बने मुख्य बांध से इस समय पानी आगे भेजने के लिए 10 प्वाइंट बनाए गए हैं। इनसे पानी आगे निकलने को 390 पाइपें लगाकर 160 मीटर लंबा अस्थायी पुल बनाया जाएगा। इससे पंजाब से जम्मू क्षेत्र में चलने वाले काम पर कार्य करने वाले कर्मचारी जा सकेंगे। उस के बाद मुख्य बांध बनने के बाद 10 प्वाइंट को बंद कर दिया जाएगा और पानी नहरों के अलावा बने स्लिप वे गेटों से आगे पावर हाउस और मुख्य नहरों मे जाएगा। अनुमान है कि अप्रैल 2022 मे यह बांध बन कर तैयार हो जाएगा। इसके बनने से 206 मेगावाट बिजली उत्पादन के साथ साथ पंजाब की लगभग 5000 हेक्टेयर और जम्मू कश्मीर की लगभग 32000 हेक्टेयर भूमि को सिचाई के लिए पानी मिलेगा। बता दें कि तीन मार्च 1979 को शेख अबदूल्ला और प्रकाश सिंह बादल के बीच रणजीत सागर बांध और शाहपुर कंडी बांध परियोजना के निर्माण के लिए समझौता हुआ था। वर्ष 20012 में रणजीत सागर बांध परियोजना का कार्य तो पूरा हो गया, पर शाहपुर कंडी बैराज परियोजना का कार्य अधर में लटक गया। इसी बीच 13 मार्च 2013 को शाहपुरकंडी बैराज का निर्माण कार्य दोबारा शुरू हुआ, जो जम्मू कश्मीर सरकार की ओर से एक सितंबर 2014 को बंद करवा दिया और 7000 करोड़ की राशि की समझौते को दोबारा रिवाइज करने की मांग की। केंद्र सरकार के दखल के कारण 24 अगस्त 2017 को जम्मू कश्मीर सरकार की कैबिनेट ने दोबारा इसके निर्माण की इजाजत दी। इसके बाद मार्च 2020 मे कोविड 19 के कारण फिर बैराज का निर्माण कार्य रुक गया । इसमें कार्यरत 800 प्रवासी मजदूरों मे से 398 मजदूर वापस अपने पैतृक गांवों को लौट गए। अब बांध प्रशासन ने लगभग 400 प्रवासी मजदूरों के शाहपुरकंडी बैराज स्थल पर आने के लिए जिला प्रशासन से मदद मांगी है।

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