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संत सम्मेलन में 501 गुरु सेवकों ने लिया नाम दान

गोस्वामी श्री गुरू नाभा दास महाशा सेवा समिति की तरफ से श्री गुरू नाभा दास संत सम्मेलन ढांगू पीर में प्रधान मास्टर सुदर्शन कुमार व समिति के चीफ आर्गेनाजर प्रशोतम भजूरा की अध्यक्षता में करवाया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में महंत द¨वद्र दास व समिति चेयरमैन अमर नाथ शामिल हुए। इस दौरान सबसे पहले सु

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 07:38 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 07:38 PM (IST)
संत सम्मेलन में 501 गुरु सेवकों ने लिया नाम दान
संत सम्मेलन में 501 गुरु सेवकों ने लिया नाम दान

संवाद सहयोगी, पठानकोट

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गोस्वामी श्री गुरु नाभा दास महाशा सेवा समिति की ओर से श्री गुरु नाभा दास संत सम्मेलन ढांगू पीर में करवाया गया। प्रधान मास्टर सुदर्शन कुमार व समिति के चीफ आर्गेनाजर प्रशोतम भजूरा ने अध्यक्षता की। मुख्य अतिथि के रूप में महंत द¨वद्र दास व समिति चेयरमैन अमर नाथ शामिल हुए। सुबह हवन-यज्ञ, झंडा पूजन व धार्मिक ग्रंथ का पाठ किया गया। महंत द¨वद्र दास महाराज ने संगत को प्रवचन करते हुए कहा कि श्री गुरु नाभा दास ने बेशक गरीब महाशा परिवार में जन्म लिया परंतु उनका धार्मिक काम पूरे भारत ही नहीं संसार में सभी के लिए कल्याण करने वाला धार्मिक ग्रंथ श्री भक्तमाल ग्रंथ है। इसको पूज कर व सुनकर मनुष्य का शरीर व आत्मा पवित्र हो जाती है। महंत द¨वद्र दास ने 501 गुरु सेवकों को तुलसी माला डालकर गुरु नाभा दास का नामदान दिया। इस मौके पर महंत सावरिया दास, प्रशोतम भजूरा, मास्टर सुदर्शन कुमार, अमर नाथ, तिलक, केबल राज, जीत राज, जगदीश, शमशेर ¨सह, प्रेम चंद, मनोहर लाल, बचन लाल, ज्ञाण चंद, हेम राज, देव राज, आशा आदि उपस्थित थे।


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