कोरोना को 239 लोगों ने दी मात, सात ने तोड़ दिया दम
विगत माह केवल संक्रमित मामले ही ज्यादा आ रहे थे जबकि मई के शुरुआत में ही संक्रमित मामलों के साथ-साथ मौत का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है।
जागरण संवाददाता, पठानकोट
जिले में कोरोना पीक पर आ गया है। विगत माह केवल संक्रमित मामले ही ज्यादा आ रहे थे जबकि, मई के शुरुआत में ही संक्रमित मामलों के साथ-साथ मौत का ग्राफ भी बढ़ता जा रहा है।
मंगलवार को देर शाम जारी हुई रिपोर्ट में 298 लोगों की रिपोर्ट संक्रमित आई जबकि, सात लोगों की मौत भी हो गई। राहत भरी बात यह रही कि 239 लोगों ने रिकवर भी किया है। जिला में अब 1847 संक्रमित लोग हैं। मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ने से लोगों में खौफ की स्थिति पैदा हो गई है। इधर, घरोंटा कम्यूनिटी हेल्थ सेंटर को माइक्रोकंटेनमेंट जोन बना दिया गया है।
एसएमओ डा. राकेश सरपाल का कहना है कि कोरोना के बढ़ते ग्राफ ने विभाग के लिए थोड़ी परेशानियां जरुर पैदा कर दी हैं। लेकिन, स्थिति से निपटने के लिए विभाग पूरी तरह से सक्षम है। कहा कि कोरोना अब पीक पर आ रहा है जिससे पूरी तरह सावधान रहने की जरुरत है। लोगों को चाहिए कि वह बिना मतलब के घर से बाहर न निकलें। लोग जमावड़ा न बनाएं बल्कि एक दूसरे से कम से कम दो गज की दूरी जरुर बनाकर रखें। मूंह पर मास्क और अपना नंबर आने पर वैक्सीन जरुर करवाएं। ऐसी सावधानियां बरत कर हमें कोरोना के संकट को काफी हद तक कमजोर कर सकते हैं। गर्भवती कोरोना मरीजों के लिए बनाया गया अलग ओटी
गर्भवती कोरोना मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड में ही अलग से ओटी बनाया गया है। फिलहाल इसमें एक बेड की व्यवस्था की गई है, दो दिनों के अंदर इसमें एक और बेड लगाए जाएंगे।
गौरतलब है कि लगातार कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। हालांकि इस साल अभी तक गर्भवती कोरोना संक्रमित नहीं आई है। बावजूद इसके विभाग ने इसकी तैयारी अभी से ही शुरू कर दी है। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि लगातार केस बढ़ रहे हैं। एहतियात के तौर पर आगामी योजनाओं पर काम करना होगा। लेबर रूप में तो गर्भवती महिलाओं को रखा ही जा रहा है। अगर कोई कोरोना पाजिटिव आ जाती है तो उसे अलग रखा जाएगा। सिवल में हर रोज आठ से दस डिलीवरी के लिए महिलाएं आती हैं, इसमें से पांच से छह सीजेरियन केस है। डी एडिक्शन सेंटर के पास बनेगा आक्सीजन बैंक जासं, पठानकोट
डी एडिक्शन सेंटर में आक्सीजन बैंक तैयार होगा। इसकी कुल क्षमता रोज 300 सिलेंडर की होगी। यहीं से जिले के प्राइवेट और आसपास के क्षेत्रों में जरूरत के अनुसार सप्लाई की जाएगी। मंगलवार सुबह इंजीनियर अजय ने मौका मुआयना किया। कोरोना काल के दौरान आक्सीजन की लगातार मांग बढ़ रही है। क्योंकि यह फेफड़े को संक्रमित कर रहा है। यह ब्लड में आक्सीजन की सप्लाई को बाधित करता है। इससे रोगी का एसपीओ टू यानी आक्सीजन सेचुरेशन घटती जाती है। सामान्य एसपीओ टू 95 होती है। यह कम होने पर आक्सीजन दी जाती है। कोरोना काल में आक्सीजन सिलेंडरों की खपत तीन गुना हो गई है।
दो सप्ताह में तैयार होगा प्लांट
आक्सीजन बैंक बनाने की प्रक्रिया को तेज कर दिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि यह दो सप्ताह में तैयार हो जाएगा। मंगलवार को आदेश मिलने के बाद आक्सीजन सिलेंडर को इस बिल्डिग में रखवाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। एमएमओ राकेश सरपाल ने कहा कि इसे जल्द से जल्द पूरा करवाया जाएगा।