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23 पंजाब रेजीमेंट का गौरवशाली इतिहास : कर्नल सलारिया

1971 के भारत-पाक युद्ध में राजस्थान के जैसलमैर की लोंगेवाला सीमा पर पाक सेना को धूल चटाने वाली भारतीय सेना की 23 पंजाब रेजीमेंट के पूर्व सैनिकों ने डिफेंस रोड स्थित अपना ढाबा रेस्टोरेंट में लोंगेवाला युद्ध स्मरण समारोह कैप्टन आरएस पठानिया की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 01:15 AM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 01:15 AM (IST)
23 पंजाब रेजीमेंट का गौरवशाली इतिहास : कर्नल सलारिया
23 पंजाब रेजीमेंट का गौरवशाली इतिहास : कर्नल सलारिया

संस, माधोपुर : 1971 के भारत-पाक युद्ध में राजस्थान के जैसलमैर की लोंगेवाला सीमा पर पाक सेना को धूल चटाने वाली भारतीय सेना की 23 पंजाब रेजीमेंट के पूर्व सैनिकों ने डिफेंस रोड स्थित अपना ढाबा रेस्टोरेंट में लोंगेवाला युद्ध स्मरण समारोह कैप्टन आरएस पठानिया की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष व 23 पंजाब रेजीमेंट के रिटा. कर्नल सागर ¨सह सलारिया, जिन्होंने उस युद्ध में हिस्सा लिया था बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुए। कार्यक्रम में पंजाब, हिमाचल प्रदेश व जेएंडके से भारी संख्या में पूर्व सैनिकों ने भाग लिया। समारोह की शुरुआत लोंगेवाला सीमा पर 1971 के भारत-पाक युद्ध की जीत के नायक रहे स्व. ब्रिगेडियर कुलदीप ¨सह चांदपुरी, जिनका कुछ दिन पहले देहांत हो गया था को श्रद्धासुमन अर्पित करने व दो मिनट का मौन रखने के साथ हुई। इसके उपरांत युद्ध की यादें ताजा करते हुए मुख्य वक्ता रिटा. कर्नल सागर ¨सह सलारिया ने कहा कि 23 पंजाब रेजीमेंट का गौरवशाली व शौर्य पूर्ण इतिहास रहा है। उस युद्ध को स्मरण करते ही आज भी आंखों से शोले बरसने लगते हैं। उन्होंने कहा कि 4 दिसंबर 1971 को पाक सेना के दो हजार सैनिक टैंकों व बख्तरबंद गाड़ियों से लौंगेवाला सीमा में घुसपैठ कर चुके थे। ब्रिगेडियर कुलदीप ¨सह चांदपुरी जो उस समय मेजर थे वह उस मोर्चे को लीड कर रहे थे। जिसमें 23 पंजाब यूनिट के 120 सैनिक थे। पाक सेना की संख्या ज्यादा होने के कारण कमांडर का संदेश आया कि कंपनी को पीछे हटाकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया जाये, मगर मेजर चांदपुरी ने पीछे हटने से मना करते हुए कमांडर को कहा कि उसका एक-एक जवान आखिरी गोली अंतिम सांस तक पाक सेना का मुकाबला करेगा। उनकी पूरी टीम 2 हजार पाक सैनिकों का पूरी रात मुकाबला करती रही तथा सुबह होने तक दुश्मन के 38 पैटन टैंक और कई बख्तरबंद गाड़ियों को ध्वस्त कर दिया तथा इस तरह एक छोटी सी सैन्य टुकड़ी ने भारत-पाक युद्ध की जीत की नींव रखी। 1971 के युद्ध जीतने की खुशी में पाक सेना के काबू किए टैंक पर मेजर कुलदीप चांदपुरी अपने साथियों सहित चढ़कर नाचे थे तथा वही तस्वीर एक यादगार बन गई थी। उस टैंक पर मेजर चांदपुरी के साथ नाचने वाले 23 पंजाब रैजीमेंट के पूर्व सैनिक आज 47 वर्षो के बाद लौंगेवाला युद्ध स्मरण समारोह में झूमकर नाचे तथा वर्षो बाद मिले अपने साथियों के साथ युद्ध के अनुभव सांझे किये।

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23 पंजाब रेजीमेंट पर बनी है बॉर्डर फिल्म : कुंवर विक्की

शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा महासचिव के सचिव कुंवर र¨वदर ¨सह विक्की ने कहा कि सारा देश दिसंबर महीने भारत-पाक युद्ध की जीत का जश्न विजय दिवस के रूप में मनाता है। उस युद्ध में 23 पंजाब रेजीमेंट के 120 जवानों ने 2 हजार पाक सैनिकों को धूल चटाते हुए बहादुरी का जो इतिहास रचा था। इस यूनिट के शौर्य को लेकर 1997 में फिल्म निर्देशक जे.पी दत्ता ने बॉर्डर फिल्म बनाई थी। जिसमें ब्रिगेडियर कुलदीप चांदपुरी का रोल अभिनेता सन्नी दियोल ने निभाया था। समारोह में शहीद कैप्टन अरुण जसरोटिया अशोक चक्र के पिता कर्नल प्रभात जसरोटिया, परमवीर चक्र विजेता कैप्टन गुरबचन ¨सह सलारिया के भतीजे सूबेदार कर्ण ¨सह, शहीद लेफ्टीनेंट गुरदीप सलारिया के पिता रिटा. कर्नल सागर ¨सह सलारिया व उस युद्ध में हिस्सा लेने वाले सैनिकों को शाल भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर रिटा. डीआईजी पी.एस पंधेर, कर्नल हरचरण ¨सह, कैप्टन प्रकाश ¨सह, सूबेदार चमकौर ¨सह, सूबेदार सागर ¨सह, सूबेदार जरनैल ¨सह, कर्नल उजागर ¨सह, नायक मलूक ¨सह, नायक उज्जल ¨सह, हवलदार गुरमीत ¨सह, हवलदार बलवंत ¨सह, मेजर ¨सह लोका, राजपूत महासभा लोकसभा हलका गुरदासपुर के प्रधान कुंवर संतोख ¨सह, परिषद के प्रेस सचिव बिट्टा काटल उपस्थित थे।


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