163 प्राइवेट स्कूल सुरक्षित नहीं, नोटिस जारी
राइट ऑफ चिल्ड्रन टू फ्री एंड कंपल्सरी एजुकेशन नियम-2011 एक्ट क पालन न करने पर जिला शिक्षा अधिकारी (एलीमेंट्री) ने तीन ब्लॉकों के 163 प्राइवेट स्कूलों को नोटिस जारी किए हैं।
राज चौधरी, पठानकोट : राइट ऑफ चिल्ड्रन टू फ्री एंड कंपल्सरी एजुकेशन नियम-2011 एक्ट क पालन न करने पर जिला शिक्षा अधिकारी (एलीमेंट्री) ने तीन ब्लॉकों के 163 प्राइवेट स्कूलों को नोटिस जारी किए हैं। इन नोटिस के माध्यम से स्कूलों प्रबंधकों को चेताया गया है कि यदि उनकी ओर से साल 2019-20 की मान्यता को रिन्यू करवाने के लिए 15 दिन में बिल्डिग सेफ्टी और फायर सर्टिफिकेट जमा न करवाया तो उनकी मान्यता कर दी जाएगी। शिक्षा विभाग के नोटिस से बचने के लिए स्कूल के प्रबंधक राजनेताओं की शरण लेने पहुंच गए हैं। शिक्षा विभाग ने इन स्कूल प्रबंधकों को चेताया है कि समय अवधि बीतने के बाद भी यदि किसी स्कूल ने इसकी अवहेलना की तो विभागीय स्तर पर ऐसे स्कूलों की मान्यता रद्द की जा सकती है। यदि ऐसा होता है तो इन स्कूलों में शिक्षा ले रहे करीब 25 हजार से अधिक बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। इनमें ज्यादातर स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने चार वर्ष से सर्टिफिकेट जमा नहीं करवाए हैं।
सत्र खत्म होने को आया तो नींद
जानकारी के अनुसार प्रत्येक स्कूल को प्रथम कक्षा लेकर बारहवीं कक्षा तक के लिए मान्यता रिन्यू करवाने के लिए प्रत्येक वर्ष इस कागजी प्रक्रिया को पूरा करना अनिवार्य होता है। चिता का विषय यह है कि इस बड़ी कोताही में जहां एक ओर स्कूल मुखियों ने लापरवाही बरती वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग को भी अब सत्र खत्म होने के ऐन पहले ही इस प्रक्रिया को पूरा करवाने की याद आई है। शिक्षा विभाग ने जिन स्कूलों को नोटिस जारी किए गए हैं उनमें बच्चों की संख्या 50 से लेकर 500 तक है।
अब ऑनलाइन है प्रक्रिया
ये प्रक्रिया ऑफ लाइन थी। स्कूलों को कागजात विभाग में जाकर जमा करवाने पड़ते थे लेकिन 2019 में इसे ऑनलाइन जमा करने की हिदायतें जारी की गई है।
279 में से 163 स्कूलों को जारी हुए है नोटिस
पठानकोट जिले में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक कुल 279 स्कूल हैं। इनमें से मात्र 116 के लगभग स्कूलों ने ही समयवधि के बीच प्रक्रिया पूरा कर स्कूलों को कागजात जमा करवाए थे जबकि पठानकोट के तीनों ब्लाकों के 163 स्कूलों ने पूरी तरह से लापरवाही बरती। एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान
जिन स्कूलों ने शिक्षा विभाग के नोटिस के बाद भी ध्यान नहीं दिया गया, उन्हें एक लाख रुपये तक के जुर्माने देना पड़ेगा। ऐसे में शिक्षा विभाग ने भी 15 दिन का समय देकर स्कूल प्रबंधकों को कहा है कि लापरवाही बरतने का हर्जाना उन्हें हर हाल में जमा करवाना होगा। अब इन स्कूल प्रबंधकों के साथ सैटेलमेंट कर उनसे बच्चों की गिनती के हिसाब से पांच हजार रुपये से लेकर 15 तक जुर्माने की राशि ली जा रही है।
बिल्डिंग और फायर सेफ्टी की फीसों में दस गुणा बढ़ोतरी : प्रिसिपल
अनंत गुरुकुल स्कूल जुगियाल के प्रिसिपल अनुज शर्मा ने कहा कि सरकार की इस नीति से प्राइवेट स्कूलों का भविष्य खतरे में है। सरकार ने फायर सेफ्टी की फीस पांच सौ रुपये से बढ़ाकर सीधा पांच हजार कर दी गई है जिसे छोटे स्कूल जमा नहीं करवा सकते। उन्होंने मान्यता रिन्यू करवाने के लिए इस प्रक्रिया को पांच साल में एक बार किए जाने की मांग रखी। 15 दिन का समय, फाइलें जमा करवाएं : डीईओ
डीइओ एलीमेंट्री संजीव गौतम ने कहा कि 163 स्कूलों को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस मिलने के बाद ही स्कूलों ने फाइलें जमा करवाना शुरू कर दी हैं। जिन स्कूलों की ओर से समय रहते इन फाइलों को जमा नहीं करवाया जाएगा उन स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।