शहर में पार्किग की समस्या गंभीर, येलो लाइन का नहीं किया जा रहा पालन
शहर की प्रमुख सड़कों पर यातायात को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई येलो पट्टी सिर्फ नाम की ही पट्टी बनकर रह गई है। इसे बनाने का मुख्य उद्देश्य वाहनों को सुव्यवस्थित ढंग से पार्क करना था। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि शहर के लोगों को सिर्फ वाहन चलाने से मतलब है यातायात नियमों से नहीं।
एसके जोशी, नवांशहर: शहर की प्रमुख सड़कों पर यातायात को नियंत्रित करने के लिए बनाई गई येलो पट्टी सिर्फ नाम की ही पट्टी बनकर रह गई है। इसे बनाने का मुख्य उद्देश्य वाहनों को सुव्यवस्थित ढंग से पार्क करना था। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि शहर के लोगों को सिर्फ वाहन चलाने से मतलब है यातायात नियमों से नहीं। जिसके कारण शहर में यातायात की समस्या लंबे समय से जस की तस बनी हुई है। नवांशहर के मेन बंगा रोड, गढ़शंकर रोड, चंडीगढ़ रोड, राहों रोड, रेलवे रोड आदि स्थानों पर अक्सर अस्त व्यस्त ढंग से खड़े वाहन देखने को मिलते हैं। जिससे चलते सड़क पर पैदल चलने वालों के लिए रास्ता ही नहीं बचता। साथ ही ट्रैफिक समस्या भी गंभीर बनी रहती है। इस समस्या को लेकर शहर के विकास दुआ, विजय ज्योति, लखविदर सिंह, अजय राणा, राकेश तनेजा, करन तनेजा, इकबाल सिंह, कृष्ण कुमार व दविदर कुमार ने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि ट्रैफिक पुलिस की इस कार्य के लिए विशेष तौर पर ड्यूटी लगानी चाहिए। जिससे वाहन पार्किंग करने वालों पर सख्ती कर यातायात को सुचारू ढंग से चलाया जा सके। इन्होंने कहा कि यदि यैलो पट्टी बनाई गई है तो वाहनों को उसके अंदर ही वाहन पार्क करना चाहिए, न कि बीच सड़क में वाहन खड़े कर लोगों की परेशानियों में इजाफा करना चाहिए।
-- इस संबंध में जब ट्रैफिक पुलिस इंचार्ज सतनाम सिंह से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि ट्रैफिक पुलिस में कर्मचारियों की कमी के चलते यातायात को नियंत्रित करना मुश्किल हो रहा था। पिछले कुछ दिनों से पीसीआर कर्मचारियों को यातायात व्यवस्था में लगाया गया है। मामला मेरे संज्ञान में आ गया है। जल्द ही येलो पट्टी के बाहर वाहन पार्क करने वालों के चालान काटे जाएंगे। यातायात व्यवस्था सुचारू बनाने के लिए सख्ती बरती जाएगी।