2 लाख करोड़ के कर्ज में दबा पंजाब, कैसे पूरे करेगा केंद्र के दिखाए ख्वाब
जिले के विभिन्न वर्ग के लोगों ने केंद्र की एनडीए सरकार के आखिरी बजट की तारीफ की है। लेकिन केंद्र सरकार ने इस चुनावी वर्ष में इस अंतरिम बजट में किसानों व आयकर दाताओं सहित तमाम वर्गो को राहत देकर पंजाब सरकार की चुनौती बढ़ा दी है। प्रदेश सरकार की ओर से इस महीने के तीसरे सप्ताह में बजट पेश किया जाना है। इस संबंध में प्रिंसिपल एनबी जुल्का का कहना है कि केंद्र और पंजाब में अलग-अलग सियासी पार्टियों की सरकारें हैं।
संसू, नवांशहर : जिले के विभिन्न वर्ग के लोगों ने केंद्र की एनडीए सरकार के आखिरी बजट की तारीफ की है। लेकिन केंद्र सरकार ने इस चुनावी वर्ष में इस अंतरिम बजट में किसानों व आयकर दाताओं सहित तमाम वर्गो को राहत देकर पंजाब सरकार की चुनौती बढ़ा दी है। प्रदेश सरकार की ओर से इस महीने के तीसरे सप्ताह में बजट पेश किया जाना है। इस संबंध में प्रिंसिपल एनबी जुल्का का कहना है कि केंद्र और पंजाब में अलग-अलग सियासी पार्टियों की सरकारें हैं। प्रदेश सरकार भी पिछले कुछ समय से आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए वोटरों को लुभाने के लिए तरह-तरह की घोषणाएं कर रही है। हालांकि प्रदेश सरकार के सिर पर 2 लाख करोड़ से ज्यादा के कर्ज का बोझ है। राज्य की सरकार ने पिछले बजट में इनकम टैक्स देने वालों पर प्रोफेशनल टैक्स लगाया था। वहीं केंद्र सरकार द्वारा पांच लाख तक की आमदनी को कर मुक्त करने की घोषणा से पंजाब को करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपये का झटका लग सकता है क्योंकि 60 फीसद के करीब इनकम टैक्स देने वाले लोग प्रोफेशनल टैक्स से बाहर हो जाएंगे। इस चुनावी वर्ष में अगर पंजाब की कांग्रेस सरकार प्रोफेशनल टैक्स को जारी रखने को लेकर कोई फैसला करती है तो इसका असर वोटरों पर उलटा पड़ सकता है।
वाटर सप्लाई दफ्तर के पूर्व एसडीओ सरूप लाल कहते हैं कि पंजाब सरकार के ऊपर पहले ही करोड़ों का कर्ज है। राज्य की सरकार ने बीते समय में पंजाब के दौरे पर आए वित्त आयोग के सामने भी पंजाब पर चढ़े कर्ज का जिक्र करते हुए विशेष राहत की मांग की थी। प्रदेश सरकार की ओर से इस महीने के तीसरे सप्ताह बजट पेश किया जाना है। सरकार के लिए राजस्व बढ़ाना भी जरूरी है, क्योंकि फंड के अभाव से तमाम विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इस चुनावी साल में प्रदेश सरकार के लिए हर वर्ग को राजी रखने की चुनौती है। किसानों की कर्ज माफी पर पहले ही सरकार हजारों, करोड़ों खर्च कर रही है। चुनावी वर्ष के मद्देनजर गरीबी रेखा के नीचे वालों को राहत देना भी जरूरी समझा जाएगा इसलिए आने वाले बजट में पंजाब सरकार की चुनौती बढ़ गई है।