बड़ी शातिर निकली ये महिलाएं, जबरन संबंधों की अश्लील वीडियो बना करती थी ऐसा खेल
पुलिस ने लोगों को फंसाकर उनकी अश्लील वीडियो के जरिए ब्लैकमेल करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। गिरोह दस साल से लोगों को अपना शिकार बना रहा था।
जेएनएन, नवांशहर। पुलिस ने लोगों को फंसाकर उनकी अश्लील वीडियो के जरिए ब्लैकमेल करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह पिछले दस साल से लोगों को अपना शिकार बना रहा था। गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। दो और सदस्यों को गिरफ्तार किया जाना बाकी है। यह जानकारी एसपी (जांच ) वजीर सिंह ने दी।
उन्होंने बताया कि यह गिरोह संगठित तरीके से घटनाओं को अंजाम दे रहा था। बलाचौर की रहने वाली संतोष रानी उर्फ राजरानी व रत्तेवाल निवासी ज्योति वर्मा ने हरगोबिंद नगर निवासी एक 80 वर्षीय रिटायर्ड फौजी को अपने जाल में फंसाया। दोनों महिलाएं स्कूटी से बलाचौर से उसके घर तक आई और उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए।
एक महिला ने इसकी वीडियो बना ली। वह पूरी तैयारी के साथ आई थीं। वीडियो बनाने के बाद महिलाओं ने अपने दो पुरुष साथियों शिंगारा सिंह व जसवीर कुमार को बुलाकर रिटायर्ड फौजी को धमकाना शुरू कर दिया। इससे रिटायर्ड फौजी डर गया। उसने आरोपितों से कहा कि उसके पास इतने रुपये नहीं हैं तो उन्होंने उसे अमेरिका में रह रही उसकी बेटी से रुपये मंगवाने की बात कही। शिंगारा व जसवीर ने रिटायर्ड फौजी की बेटी से भी फोन पर बात की और रुपये लेने के लिए सारा ब्यौरा बताया।
उन्होंने मामले को खत्म करने के लिए दो लाख रुपये की डिमांड बता दी। तीन-चार दिन तक इसकी व्यवस्था करने को कहा। इस मामले से रिटायर्ड फौजी ने अपने दोनों मोबाइल फोन बंद कर अमृतसर चले गए। फोन बंद होने से उनकी बेटी ने परेशान होकर पुलिस को सूचना दी। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ है। पुलिस ने संतोष रानी, ज्योति वर्मा, बलाचौर निवासी शिंगारा सिंह व जसवीर कुमार को गिरफ्तार कर लिया। इनसे पूछताछ के बाद पता चला है कि इनके साथ संतोख सिंह उर्फ तुक्का व जसविंंदर कौर भी शामिल हैं। इनकी तालाश की जा रही है।
चारों आरोपित एक दिन के रिमांड पर : एसएचओ
थाना नवांशहर सिटी के एसएचओ ने बताया कि गैंग के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। आज फिर चारों को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने एक दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।
अब तक कई लोगों को बना चुके हैं अपना शिकार
यह गिरोह कई लोगों को अपना शिकार बना चुका है। पीड़ित बदनामी के डर कुछ नहीं बताते हैें। रिटा. फौजी ने बताया है कि उसे कुछ लोगों से मालूम चला है कि ये चारों मिलकर कई लोगों से रुपये ठगे चुके हैं। एसपी (जांच ) के मुताबिक करीब चार शिकायतें उनके पास ऐसी मिली हैं। इस गिरोह में काम करने वाली एक सदस्य ने 2009 में पुलिस के पास दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था। यह मामला अभी भी कोर्ट में विचाराधीन है।
पुलिस के तरीके पर उठे सवाल
ये गिरोह अपने काम में पुलिस का भी इस्तेमाल करता रहा है। ये महिलाएं अपनी से दुष्कर्म की शिकायत पुलिस के पास करके बात न मानने वालों पर दबाव बनाती थी और डिमांड पूरी हो जाने के बाद शिकायत वापस ले लेती थी। इस गिरोह ने ज्यादातर शिकायतें बलाचौर पुलिस के पास की और बाद में वापस ले ली, लेकिन बलाचौर पुलिस अधिकारियों ने मामले की तह तक जाने के बजाय समझौते पर ध्यान दिया। इसी वजह से यह गिरोह सालों तक काम करता रहा।
जाल में नहीं फंसने वालों के खिलाफ करते थे शिकायत
यह गिरोह इतना शातिर है कि शिकार को जाल में फंसाने के लिए पहले डराता धमकाता था। जब कोई रुपये नहीं देता था उस पर दबाव बनाने के लिए ये गिरोह बकायदा पुलिस में इसकी शिकायत करता था। बाद रुपये लेकर समझौता करने के बाद पुलिस से शिकायत वापस ले ली जाती थी। निरंजन सिंह मामले में भी इस गिरोह ने ऐसा ही किया। जब निरंजन सिंह का फोन स्विच आफ हो गया तो इस गिरोह को डर था कि कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाए तो इन्होंने बलाचौर पुलिस के पास इसकी शिकायत दे दी थी।
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