पटवारियों की मांगे पूरी होने तक जारी रहेगा संघर्ष : मनोहर लाल
संवाद सहयोगी बलाचौर अतिरिक्त काम का बोझ उठाने के कारण लंबे समय से संघर्ष की राह प
संवाद सहयोगी, बलाचौर:
अतिरिक्त काम का बोझ उठाने के कारण लंबे समय से संघर्ष की राह पर चल रहे पटवारियों के संघर्ष का समाधान होते नहीं दिख रहा है। जिसके कारण पटवारियों ने सरकार के खिलाफ अपना संघर्ष तेज कर दिया है। राजस्व पटवार संघ बलाचौर की ओर से वीरवार को पटवार स्टेशन पर सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक धरना-प्रदर्शन किया गया। पटवार यूनियन बलाचौर के अध्यक्ष मनोहर लाल ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने 1175 पटवारियों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की है जिसकी परीक्षा आगामी 8 अगस्त 2021 को ली जाएगी। उन्होंने इस भर्ती प्रक्रिया में पदों की संख्या को बढ़ाकर 3000 करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि संगठनों की और भी मांगें हैं और जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक वे अपना संघर्ष जारी रखेंगे। उन्होंने लोगों से भी इस संघर्ष का हिस्सा बनने की अपील की है। इस अवसर पर पटवारी, नंबरदार, चौकीदार भी उपस्थित थे। इस दौरान विजय कुमार महासचिव, संदीप कुमार कोषाध्यक्ष, जसपाल सिंह, रमन कुमार, जसविदर सिंह, सुरजीत पाल, सुरिदर कुमार कानूनगो, सुरिदर सिंह कानूनगो आदि उपस्थित थे। मदन लाल बेगमपुरी ने समारोह की अध्यक्षता की और बलदेव सिंह बाली पटवारी, गुरबख्श सिंह कानूनगो, ज्ञान सिंह कानूनगो, देस राज, मोहिदर पाल, राजिदर राणा पूर्व सदस्य भी उपस्थित थे। कृषि कानूनों के खत्म होने तक जारी रहेगा किसान आंदोलन
संवाद सहयोगी, काठगढ़:
टोल प्लाजा बछुआं में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक कामरेड अवतार सिंह तारी की अध्यक्षता में हुई। जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा के कनवीनर राणा कर्ण सिंह ने विशेष तौर पर भाग लिया। इस अवसर पर बब्बर लहर के मुख्य रतन सिंह रक्कड़ के शहीदी दिवस पर सभी ने दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि भेंट की। राणा कर्ण सिंह ने कहा कि बाबा रतन सिंह रक्कड़ ने अंग्रेजों की सरकार को छटी का दूध याद करवा दिया था। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का 277वां दिन बीत रहा है। लेकिन केंद्र सरकार चुपचाप बैठी है। वह मसला हल करने की बजाए आंदोलन कमजोर करने पर ध्यान केंद्रित किए हुए है। उन्होंने कहा कि सभी खड़े हो कर हाथ आगे करके शपथ ग्रहण करें कि किसान आंदोलन का झंडा तब तक बुलंद रखा जाएगा जब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं होती है। तीनों कानून रद्द नहीं होते। इस अवसर पर कमल सिंह सरपंच, मोहन सिंह, सतपाल, गुरमुख सिंह, अमरीक सिंह, सोहन सिंह, गुरदयाल सिंह, हंसराज, देसराज पूर्व सरपंच, मेला राम, रामपाल, हनी मंड आदि उपस्थित थे।