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स्टाफ कम होने के कारण फ्लाप साबित हो रहा बाल मजदूरी पर लगाम लगाने का अभियान

प्रशासन और श्रम विभाग जिले में बाल और किशोर मजदूरी रोकने के लिए कमर कस चुका है लेकिन टास्क फोर्स में मैन पावर कम होने के कारण यह अभियान फ्लाप शो साबित हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 07:15 PM (IST)Updated: Mon, 18 Nov 2019 06:10 AM (IST)
स्टाफ कम होने के कारण फ्लाप साबित हो रहा बाल मजदूरी पर लगाम लगाने का अभियान
स्टाफ कम होने के कारण फ्लाप साबित हो रहा बाल मजदूरी पर लगाम लगाने का अभियान

सुशील पाडे,नवाशहर : प्रशासन और श्रम विभाग जिले में बाल और किशोर मजदूरी रोकने के लिए कमर कस चुका है, लेकिन टास्क फोर्स में मैन पावर कम होने के कारण यह अभियान फ्लाप शो साबित हो रहा है। समस्या पर अंकुश लगाने के लिए 14 से 19 नवंबर तक जागरूकता सप्ताह भी मनाया जा रहा है, लेकिन इस काम के लिए केवल दो ही प्रवर्तन अधिकारी। इनमें से भी एक अधिकारी की ड्यूटी दसूहा में लगी हुई है और वह सिर्फ सप्ताह में एक ही के लिए बलाचौर आता है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर अधिकारी ने सप्ताह में एक ही दिन काम करना है तो सप्ताह भर जागरूकता कैंप में क्या काम किया जा रहा। बाल मजदूरी करवाने वालों के बारे में बताने के लिए श्रम विभाग ने दो हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए थे, लेकिन अभी कोई भी कॉल इन दोनों नंबरों पर नहीं आई है। श्रम विभाग का निर्देश है कि सिर्फ काम वाले दिन ही इस नंबर पर कॉल की जाए। मतलब कि सोमवार से लेकर शुक्रवार तक ही कॉल की जाए और छुट्टी वाले दिन कॉल न किया जाए। उधर प्रशासन का कहना है कि मामले में जल्द परिणाम सामने आएंगे। बाल मजदूरी करवाने पर सजा का भी प्रावधान है।

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नियमित ड्यूटी लगाई जाएगी तब तक आएगा परिणाम

बाल और किशोर मजदूरी पर रोक लगाने के लिए किए जा रहे प्रयासों का परिणाम तब तक नहीं आएगा जब तक किसी अधिकारी की नियमित ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। जब अधिकारी सप्ताह में केवल एक दिन समस्या की जानकारी लेने आएंगे तो साफ जाहिर है कि परिणाम शून्य ही होगा। लोग भी इस काम में खास दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। चार दिन में हेल्पलाइन नंबरों पर कोई कॉल नहीं आना इसी का नतीजा है।

प्रेस नोट जारी करने भर से खत्म नहीं होगी समस्या

लोक जनसंपर्क विभाग की ओर से जारी बाल मजदूरी को लेकर जारी किया जाता प्रेस नोट ही बाल मजदूरी को खत्म नही होने देता है। वर्ष में दो बार बाल मजदूरों को लोक जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है। जब भी जागरूकता सप्ताह मनाया जाता है, उससे पहले ही इस बारे में अखबारों में प्रेस नोट जारी कर बता दिया जाता है। इससे बाल मजदूरी करवाने वाले सतर्क हो जाते हैं और वे मजदूरों उस सप्ताह के काम पर बुलाते ही नहीं हैं। इसके अलावा साल भर श्रम विभाग बाल मजदूरी रोकने के लिए कुछ नहीं करता।

छह महीने है सजा का प्रावधान

बाल और किशोर मजदूरी रोकने के अधिनियम के तहत कोई भी 14 साल के बच्चे को किसी भी काम पर नहीं लगाया जा सकता है। इसके अलावा 14 से 18 साल तक के बच्चों से कोई भी खतरनाक काम नहीं करवाया जा सकता। इस अधिनियम का उल्लंघन करने पर छह महीने की कैद और 20 हजार रुपये का जुर्माने का प्रावधान है।

अलग-अलग डिवीजन के लिए हेल्पलाइन नंबर

श्रम विभाग ने नवाशहर और बंगा सब डिवीजन के लिए हेल्पलाइन नंबर 7986725467 और बलाचौर सब डिवीजन के लिए 9417515487 हेल्पलाइन जारी किए हैं। इन नंबरों पर सुबह नौ से शाम पांच बजे पर संपर्क करके बाल और किशोर मजदूरी के बारे में विभाग को जानकारी दी जा सकती है।

जल्द सामने आएंगे परिणाम : डीसी

डिप्टी कमिश्नर विनय बबलानी ने बताया कि प्रशासन व श्रम विभाग बाल मजदूरी को लेकर जागरूकता सप्ताह मना रहा है और इसके बहुत जल्द सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने बताया कि शनिवार और रविवार को छुट्टी रहेगी और अगले सप्ताह श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे कि वह बाल मजदूरों को रोकने की मुहिम में तेजी लाएं और जल्द से जल्द परिणाम लेकर आएं।


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