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वेंटिलेटर पर सिविल अस्पताल, मशीनें आपरेट करने के लिए पूरा स्टाफ नहीं

नवांशहर कोरोना के मरीजों की मौत का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। पिछले तीन माह में ही जिले के 56 से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना के कारण प्रदेश के अन्य अस्पतालों में इलाज के दौरान हो चुकी है वहीं पांच की मौत जिले के अस्पतालों में हुई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 03:35 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 04:22 PM (IST)
वेंटिलेटर पर सिविल अस्पताल, मशीनें आपरेट करने के लिए पूरा स्टाफ नहीं
वेंटिलेटर पर सिविल अस्पताल, मशीनें आपरेट करने के लिए पूरा स्टाफ नहीं

सुशील पांडे, नवांशहर: कोरोना के मरीजों की मौत का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। पिछले तीन माह में ही जिले के 56 से ज्यादा लोगों की मौत कोरोना के कारण प्रदेश के अन्य अस्पतालों में इलाज के दौरान हो चुकी है, वहीं पांच की मौत जिले के अस्पतालों में हुई है। अभी तक कुल 62 मौतें जिले में हो चुकी हैं। नवांशहर के सरकारी अस्पताल में आइसीयू न होने के कारण मरीजों को उन सरकारी अस्पतालों मे रेफर किया जाता है, जहां पर आइसीयू की सुविधा हो। नवांशहर के सरकारी अस्पताल में चार वेंटिलेटर तो हैं, पर इन्हें चलाने के लिए पूरा स्टाफ नहीं है। पिछले दिनों लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी व विधायक अंगद सिंह ने अस्पताल में बने आइसीयू वार्ड को लोकार्पण किया था। अस्पताल में वेटिलेटर चलाने के लिए दो स्टाफ सदस्य हैं, पर यह स्टाफ चार वेंटिलेटर को सातों दिन 24 घंटे चलाने के लिए बेहद कम है । जिले में कोरोना के मरीजों का आंकड़ा 1877 से पार पहुंच चुका है और 62 लोगों की मौत भी हो चुकी है। अब बेशक रोजाना कोरोना के आने वाले मरीजों की संख्या तो कम हो रही है, पर मरने वाले लोगों की औसत प्रतिशत पिछले महीनों वाली ही है। प्रदेश सरकार जिले में बेहतर स्वास्थ्यय सुविधाएं मुहैया करवाने में नाकाम रही है। स्वास्थय विभाग के अधिकारी कई बार अपने उच्चाधिकारियों को लिखित में यह बता चुके हैं कि वेंटिलेटर चलाने के लिए और स्टाफ जरूरत है, पर इस बारे में अभी त कोई कार्रवाई नहीं हुइ है। मार्च 2020 से पहले जिला स्तरीय सरकारी अस्पताल में केवल एक ही वेंटिलेटर ही था और वो भी खराब था। अगर किसी को आइसीयू में भेजने की नौबत आती, तो मरीज को प्रदेश के अन्य अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता। मार्च माह में जिले में आए 18 पाजिटिव केसों के कारण नवांशहर हाई रिस्क पर आ गया। इसके बाद लोकसभा सदस्य मनीष तिवारी की मांग पर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री बलवीर सिंह सिद्धू ने नवांशहर के सरकारी अस्पातल में दो नए वेंटिलेटर प्रदान किए थे। इसके अलावा सरबत का भला सोसायटी ने चार माह पहले ही अस्पताल को दो वेंटिलेटर भेंट किए थे, जिससे अस्पताल में वेंटिलेटरों की संख्या पांच हो गई है। यह सुविधा है उपलब्ध अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस आइसीयू में वेंटीलेटर, पाइप मशीन, हाइफ्लोर नोजल आक्सीजन मशीन इत्यादि की सुविधा तो उपलब्ध है, पर इन्हे आपरेट करने के लिए स्टाफ नहीं है। अस्पताल में आइसीयू की सुविधा शुरू हो गई है, जोकि पहले नहीं थी। दो वेंटिलेटर पर कोरोना के दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अभी दो स्टाफ सदस्य ही वेंटिलेटर चलाने के लिए मिले हैं। स्टाफ की कमी है । और स्टाफ के लिए स्वास्थ विभाग को लिखा गया है। उम्मीद है कि नया स्टाफ भी जल्द ही मिल जाएगा।

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डा.राजिदर प्रसाद भाटिया, सिविल सर्जन, नवांशहर अस्पताल।


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