एनएच अथारिटी के दावों की निकली हवा, रात को न ब्लिंकर जलते है और न दिशासूचक बोर्ड
रोपड़ नेशनल हाईवे को लोगों की सुविधा के लिए बनाया गया था पर यह हाईवे लोगों की जान का दुश्मन बन चुका है।
सुशील पांडे, नवांशहर: रोपड़ नेशनल हाईवे को लोगों की सुविधा के लिए बनाया गया था, पर यह हाईवे लोगों की जान का दुश्मन बन चुका है। हाईवे पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं और लोग मौत के मुंह में समा रहे हैं। प्रशासन व हाईवे अथारिटी मूकदर्शक बने हुए हैं। अधिकारियों के किए गए दावे भी हवा हो रहे हैं। यहां पर दिशासूचक नही होने व कई स्थानों पर ब्लिंकर न होने से दुर्घटनाएं हो रही हैं। एक माह के भीतर ऐसा तीन बार हो चुका है कि गाड़ियां धुंध के बीच आपस में टकराई हैं। इसके अलावा हाईवे पर बनाए गए छोटे कट पर न तो ब्लिंकर लगाए गए हैं और न ही दिशासूचक लगे हैं। जहां पर ब्लिंकर लगे हैं, वह भी कई जगहों पर बंद हो चुके हैं। अधिकारी कहते हैं कि जल्द ही इन्हें ठीक करवा दिया जाएगा, पर हालात जो कुछ दिन पहले हैं, वही अब भी हैं। अब सवाल है कि खरबों रुपयों से तैयार किए गए हाईवे पर गांवों की ओर जाने वाले कट पर मात्र कुछ हजार की कीमत से लगने वाले ब्लिंकर और दिशा सूचक बोर्ड क्यों नही लगाए गए हैं। हालात तो यह हैं कि जिस सड़क पर हाईवे की ओर काम किया जाता है, वहां भी सड़क के बंद होने का कोई भी सूचना बोर्ड नही लगाया जाता है।
दिसंबर का महीना शुरू हो चुका है और अभी तक धुंध पड़नी शुरू नहीं हुई है। अगर धुंध पड़नी शुरू हो गई तो इस सड़क से गुजरना भी मुश्किल हो जाएगा। कट पर रेडियम वाले दिशा सूचक नहीं लगने के कारण व ब्लिंकर नहीं होने से धुंध में कुछ भी दिखाई नहीं देगा। हाईवे बनने से पहले जब सड़क खुली, तो कोई भी वाहन चालक कहीं से भी सड़क की दूसरी ओर चला जाता था, पर अब पांच किलोमीटर की दूरी पर बने कट पर सड़क को पार करने के लिए कई वाहन एक साथ इक्ट्ठा हो जाते हैं। धुंध के समय यह बेहद ही खतरनाक हो सकता है। सड़क की दूसरी ओर जाने के लिए वाहन चालक भी गलत रास्तों का प्रयोग करते हैं। वह सड़क के दूसरी ओर जाने के लिए उल्टे रास्तों को प्रयोग करते हैं। हाईवे पर तेज गति से जाते वाहन अक्सर इन स्थानों पर कट से मुड़ रहे वाहनों से टकरा जाते हैं।
ट्रैफिक लाइटों को लगाना हमारा काम नहीं उधर हाईवे को बनाने वाली कंपनी के मैनेजर से जब हाईवे पर पड़ते तीन बाइपास पर ट्रैफिक लाइटों को लगाने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने साफ मना कर दिया कि इन स्थानों पर ट्रैफिक लाइटों को लगाना हमारा काम नही है। उन्होंने कहा कि इन स्थानों पर ट्रैफिक लाइटों को लगाने की जिम्मेदारी प्रशासन या पुलिस की है। जल्द की जाएगी कार्रवाई वहीं इस बारे में कंपनी के मैनेजर सुशील कुमार ने कहा कि कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है कि जहां भी ब्लिंकर बंद हैं, उन्हें चालू किया जाए। उन्होंने कहा कि कटपर रेडियम वाले दिशा सूचक भी लगाए गए हैं।