स्वच्छ भारत के सपने पर लगा ग्रहण, बलाचौर में सार्वजनिक शौचालयों की दरकार
बलाचौर तहसील को बने 35 वर्ष से ऊपर का समय हो गया लेकिन आज भी लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है।
योगेश मल्होत्रा बलाचौर
बलाचौर तहसील को बने 35 वर्ष से ज्यादा का समय हो गया, लेकिन आज भी लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत का सपना देख रहे हैं, वहीं शहर में सार्वजनिक शौचालयों की दरकार एक बहुत बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर रही है।
इस संबंध में शहरवासी मनीष गोरा, ¨डपी, सर्बजीत, कंवलजीत, कमलजीत, सुरेंद्र कुमार, जितेंद्र ¨सह, नितेश, कमला देवी, विमला, शिवानी, सर्बजीत कौर, काला, जेडी, तरसेम लाल ने कहा कि बलाचौर एक प्राचीन शहर है तथा हर रोज यहां बड़ी संख्या में लोग आते है। बलाचौर के आसपास करीब 200 के करीब गांव पड़ते हैं। जहां से हर रोज बड़ी संख्या में लोग शहर आते हैं।
शहर में सार्वजनिक शौचालय की बात करें तो एक आधा ही है, जिसकी अगर हालात की बात करें तो सफाई न होने के कारण वहां जाना भी दूभर है। सुविधाएं की बात करें तो शहर आज तक मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहा है। इसका मुख्य कारण नेताओं की अनदेखी है। सार्वजनिक शौचालय न होने के कारण शहरवासियों को शर्मिंदगी महसूस होती है। जब भी कोई बाहर से शहर में आता है सार्वजनिक शौचालय न होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। शहर में चार मुख्य सड़के हैं, जिनमें गढ़शंकर रोड, भद्दी रोड, गहूंण रोड तथा चंडीगढ़ रोड एक बीडीपीओ दफ्तर में एक शौचालय बनाया गया। लेकिन उसका भी हाल बेहाल है। बाकी तीन सड़कों पर तो शौचालय है ही नहीं। जबकि सबसे ज्यादा आवाजाही इन सड़कों पर है।
सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं को होती है, क्योंकि खरीदारी करने के लिए उन्हें ज्यादा शहर आना पड़ता है।
जल्द बनाए जाएंगे शौचालय
इस संबंध में विधायक चौधरी दर्शन लाल मंगूपुर ने कहा कि शहर तथा इलाके में सार्वजनिक शौचालय जल्द बनाए जाएंगे। लोगों की समस्याओं को पहल के आधार पर हल करवाना उनका फर्ज है। वही संबंध में नगर कौंसिल के अधिकारियों तथा डिप्टी कमिश्नर से भी जल्द बात करेंगे तथा शहर में जल्द सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएंगे।
शौचालय बनाने को स्थान किए निर्धारित
इस संबंध में नगर कौंसिल प्रधान ¨टकू घई ने कहा सार्वजनिक शौचालय बनाने के लिए स्थान निर्धारित कर दिए गए हैं तथा जल्द ही राशि जारी की जाएगी तथा सार्वजनिक शौचालय बनाए जाएंगे। सार्वजनिक शौचालय बनाने के बाद उनके रखरखाव के लिए भी लोगों की जिम्मेदारी लगाई जाएगी। शहर को साफ-सुथरा बनाना ही उनकी प्राथमिकता है तथा इसके लिए वह काम कर रहे हैं।