नवांशहर में 60 फीसद से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें खराब, नगर कौंसिल नहीं दे रही ध्यान
शहर की स्ट्रीट लाइटें पिछले कई सालों से बंद पड़ी हैं। इन्हें ठीक भी नहीं करवाया जा रहा है। पूरे शहर की 60 फीसद से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। नगर कौंसिल के कर्मचारियों को कई बार गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन समस्या जस की तस है।
नवांशहर, जेएनएन। शहर की स्ट्रीट लाइटें पिछले कई सालों से बंद पड़ी हैं। इन्हें ठीक भी नहीं करवाया जा रहा है। पूरे शहर की 60 फीसद से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं। नगर कौंसिल के कर्मचारियों को कई बार लोगों की ओर से गुहार लगाई जा चुकी है लेकिन आज तक समस्या जस की तस बनी हुई है। नगर कौंसिल की ओर से शहर में एलईडी लाइटें लगाने का वाद किया गया था लेकिन यहां तो स्ट्रीट लाइटें तक भी ठीक नहीं करवाई जा रही हैं और वह काफी समय से बंद पड़ी हैं।
सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है। अब अंधेरा जल्दी ही हो जाता है। यहां गलियों में 60 फीसद स्ट्रीट लाइटें खराब हैं जिसके कारण रात को गलियों से गुजरना आसान नहीं है। लाइटें न होने से दुर्घटना होने का खतरा भी बढ़ जाता है। अधिकतर स्ट्रीट लाइटें या तो फ्यूज हैं। कुछ के प्वाइंट ऐसे लगा रखे हैं जिनकी लाइट तो जगती है लेकिन सही ढंग से रोशनी नहीं देती। मुख्य बाजार कोठी रोड, गीता भवन रोड, रेलवे रोड, टीचर कालोनी, मोहल्ला गुरु रविदास नगर, पंडोरा मोहल्ला, कुलाम रोड व सलोह रोड सहित शहर के छोटे-बड़े मोहल्लों में ज्यादातर प्वाइटों पर स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं। यहां पर कुछ क्षेत्रों में तो लाइटें जलती हैं लेकिन कुछ बंद पड़ी हैं। नगर कौंसिल के कर्मचारियों की बनती है जिम्मेदारी अकाली दल के पूर्व पार्षद परम सिंह खालसा का कहना है कि नगर कौंसिल की ओर से शहर की स्ट्रीट लाइटों को ठीक नहीं करवाया जा रहा है।
बेशक नगर कौंसिल की कमेटी भंग हो चुकी है लेकिन इसके बाद नगर कौंसिल के कर्मचारियों का फर्ज बनता है कि वो लोगों की सुविधा के लिए स्ट्रीट लाइटों को ठीक करवाएं। उन्हें अपनी जेब से पैसे खर्च करके स्ट्रीट लाइटों को ठीक करवाना पड़ रहा है जबकि यह नगर कौंसिल की डयूटी हैं। वो ही नहीं बल्कि कई पार्षद अपनी जेब से पैसा खर्च कर लाइटों को ठीक करवा रहे हैं। नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी राजीव सरीन का कहना है कि चंडीगढ़ मार्ग पर स्ट्रीट लाइटों को ठीक करवाया जा रहा है। अगर किसी मोहल्ले की लाइटें बंद हो तो वो नगर कौंसिल कार्यालय में आकर कर्मचारियों से संपर्क कर सकते हैं।