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इमरजेंसी में सिविल को वेंटीलेटर देंगे प्राइवेट अस्पताल

जिला स्वास्थ्य विभाग की मांग पर निजी प्राइवेट अस्पताल सरकारी अस्पतालों को इमरजेंसी के समय अपना वेंटीलेटर देने को तैयार हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Apr 2020 10:52 PM (IST)Updated: Fri, 03 Apr 2020 06:11 AM (IST)
इमरजेंसी में सिविल को वेंटीलेटर देंगे प्राइवेट अस्पताल
इमरजेंसी में सिविल को वेंटीलेटर देंगे प्राइवेट अस्पताल

सुशील पांडे, नवांशहर : जिला मुख्यालय के अस्पताल में बेशक मात्र दो वेंटीलेटर है और यह वेंटीलेटर भी महज कुछ दिन पहले ही प्राप्त हुए हैं पर स्टाफ नहीं होने के कारण इसका प्रयोग नहीं हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के इस कवच के छेद को भरने के लिए निजी अस्पताल आगे आए हैं। जिला स्वास्थ्य विभाग की मांग पर निजी प्राइवेट अस्पताल सरकारी अस्पतालों को इमरजेंसी के समय अपना वेंटीलेटर देने को तैयार हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से इसे लेकर एक बैठक भी जिला प्रशासन की अधिकारियों से हो चुकी है। निजी अस्पतालों में हैं 10 वेंटीलेटर

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जिले के निजी अस्पतालों के पास 10 वेंटीलेटर हैं। जिनका प्रयोग इमरजेंसी के दौरान किया जाता है। जिले के 70 निजी अस्पतालों में से बेशक कुछ बड़े अस्पतालों के पास ही आइसीयू वार्ड बने हुए हैं। पर इस मुसीबत की घड़ी में निजी अस्पताल अपने वेंटीलेटर जिला स्वास्थ्य विभाग को देने को तैयार हैं। सबसे मुख्य बात यह है कि इन वेंटिलिटरों के लिए ट्रेंड स्टाफ भी निजी अस्पतालों के पास है। दो वेंटीलेटर हैं पर नहीं है स्टाफ

नवांशहर के सरकारी अस्पताल में तीन वेंटीलेटर हैं। इनमें से एक पुराना है जो कि खराब है और न ही इसे कभी ठीक करवाया गया है। दो वेंटीलेटर अभी कुछ दिन पहले ही आए हैं पर इन वेंटीलेटर पर स्टाफ नहीं है। वेंटीलेटर के लिए स्टाफ को ट्रेनिग दी जा रही है। सेवाओं के लिए आइएमए ने 35 डॉक्टरों की लिस्ट सौंपी

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन नवांशहर ने जिला प्रशासन को कहा है कि निजी अस्पतालों ने अपनी सेवाओं की पेशकश के लिए 35 डॉक्टरों की सूची सौंपी है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ेगी तो वो सरकारी अस्पताल नवांशहर में वेंटीलेटर व स्टाफ को शिफ्ट कर देंगे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रदेश सचिव डॉ. परमजीत मान ने बताया कि मेडिकल एसोसिएशन की ओर से प्रशासन को पूरा सहयोग दिया जा रहा है। एमरजेंसी में लेंगे मदद

डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि सरकारी डॉक्टरों, रूरल मेडिकल अधिकारियों, आयुष मेडिकल अधिकारियों से लेकर आशा वर्करों को विभिन्न टीमों की जिम्मेदारी सौंपकर फील्ड में लगाया गया है। भविष्य में अगर कोरोना वायरस का ज्यादा खतरा होता है तो उसके लिए आइएमए डॉक्टरों की सेवाओं की जरूरत पड़ेगी जो मरीजों की देखभाल व प्रशासन की ओर से बनाए गए आसोलेटड केंद्रों को अच्छी तरीके से चला सकें। प्राईवेट अस्पताल दे रहे हैं सहयोग

सिविल सर्जन डा. राजिदर प्रसाद भाटिया का कहना है कि प्राइवेट अस्पताल के संचालक स्वास्थ्य विभाग की पूरी मदद कर रहे हैं। जिले के किन अस्पतालों के वेंटीलेटर व स्टाफ की सुविधा लेनी है। इसके बारे में योजना तैयार हो चुकी है।


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