पेट्रोल और डीजल का रेट कम करना सराहनीय कदम
वत्त मंत्री मनप्रीत बादल ने सोमवार को पंजाब का 2019-20 का बजट पेश किया। जिसमें हर वर्ग को खुश करने का प्रयास किया गया है। इस बजट में पेट्रोल व डीजल की कीमतें घटाकर सरकार ने पड़ोसी राज्यों के बराबर लाने का प्रयास किया है।
संवाद सूत्र, नवांशहर : वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने सोमवार को पंजाब का 2019-20 का बजट पेश किया। जिसमें हर वर्ग को खुश करने का प्रयास किया गया है। इस बजट में पेट्रोल व डीजल की कीमतें घटाकर सरकार ने पड़ोसी राज्यों के बराबर लाने का प्रयास किया है। इस बजट में आने वाले लोकसभा चुनाव का असर दिखा। राज्य की जनता पर कोई नया टैक्स नहीं लगाया। यही नहीं घाटे के बावजूद पेट्रोल पर पांच रुपये और डीजल पर एक रुपये वैट घटाने का ऐलान तक कर दिया। उन्होंने हर वर्ग के लिए कोई न कोई ऐलान कर सबको खुश करने की कोशिश की है।
प्रदेश सरकार का बजट सराहनीय : मनजीत ¨सह
मनजीत ¨सह सैंभी ने कहा कि बेशक पंजाब सरकार ने पेट्रोल व डीजल की कीमतों पर वैट घटाया है, लेकिन अभी दूसरे राज्यों से पेट्रोल और डीजल के प्रति लीटर रेट अधिक हैं। आर्थिक ढांचे को मजबूत करने के लिए जरूरत अनुसार साधन कहां से जुटाएंगे।
वृद्धावस्था, विधवा और दिव्यांग पेंशन में वृद्धि नहीं की गई:संदीप ¨सह
संदीप ¨सह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो चुनावी वादे किए थे, वह अभी तक पूरे नहीं किए गए। प्रदेश में बेरोजगारी में बढ़ोतरी हुई है। किसानों का सारा कर्ज माफ करने की बजाए किश्तों में जो रुपये दिए जा रहे हैं, उससे किसानों की संतुष्टी नहीं है। वृद्धावस्था, विधवा व दिव्यांग पेंशन में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई।
सरकार ने गरीब के साथ सौतेला व्यवहार किया: अमनदीप ¨सह
अमनदीप ¨सह ने कहा कि भलाई स्कीमों के लिए कोई अधिक योग्य फंड न रखकर पंजाब सरकार ने गरीब लोगों के साथ सौतेला व्यवहार किया है। चुनाव मनोरथ पत्र की तरह यह बजट घोषणाएं भी पंजाब की जनता के साथ धोखा है। किसानों, युवा वर्ग व सरकारी कर्मचारियों के साथ किए गए वादे पूरे करने के लिए कोई फंड न रखकर लोगों से मजाक किया है।
व्यापारी वर्ग के लिए फायदेमंद नहीं है सरकार का बजट:बल¨वदर ¨सह
बल¨वदर ¨सह ने कहा कि पेश किए गए बजट में न तो जत्थेबंधक सेंटर के मजदूरों के लिए कोई राहत है और न ही गैर जत्थेबंधक सेक्टर के मजदूरों लिए। मैन्यूफेक्च¨रग इंडस्ट्रीज को कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया। व्यापारी वर्ग के प्रति भी सरकार का विरोधी बजट ही है। शिक्षा क्षेत्र में खाली पद भरने संबंधी कोई भी सरकार की घोषणा न होने से शिक्षा विरोधी बजट नजर आ रहा है।