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पॉक्सो और बाल मजदूरी कानून संबंधी जागरूक किया

संवाद सूत्र, नवांशहर: जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के चेयरमैन कम जिला व सेशन जज एएस ग्रेवाल तथा जिला क

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Feb 2019 11:26 PM (IST)Updated: Sun, 03 Feb 2019 11:26 PM (IST)
पॉक्सो और बाल मजदूरी कानून संबंधी जागरूक किया
पॉक्सो और बाल मजदूरी कानून संबंधी जागरूक किया

संवाद सूत्र, नवांशहर: जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के चेयरमैन कम जिला व सेशन जज एएस ग्रेवाल तथा जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के सचिव सीजेएम प¨रदर ¨सह के दिशा-निर्देशों के तहत पैरा लीगल वालंटीयर्स देस राज बाली की ओर से सरकारी स्कूल अलाचौर में कानूनी जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। उन्होंने इस अवसर पर संबोधन करते हुए उन्होंने बाल विवाह, बाल मजदूरी तथा पोक्सो एक्ट सबंधी बच्चों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पाक्सो एक्ट या प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट सरकार ने साल 2012 में बनाया था। इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान यह एक्ट बच्चों को सेक्सुअल ह्रासमेंट, सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है। इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गई है।

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एडवोकेट पर¨मदर ¨सह बंगड़ का कहना है कि पोक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत अगर बच्चे के साथ दुष्कर्म, कुकर्म के बाद गंभीर चोट पहुंचाई गई हो तो इसके आरोपी को 10 वर्ष से लेकर उम्र तक कैद की सजा तथा उसके साथ जुर्माना भी हो सकता है।


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