मीटर बलने के बाद आया 38 हजार का बिल, पावरकॉम पर 1500 रुपये का जुर्माना
जिला उपभोक्ता फोरम ने पावरकॉम द्वारा उपभोक्ता को भेजा गया 38710 रुपये का बिजली का बिल खारिज कर दिया है।
जेएनएन, नवांशहर : जिला उपभोक्ता फोरम ने पावरकॉम द्वारा उपभोक्ता को भेजा गया 38,710 रुपये का बिजली का बिल खारिज कर दिया है। फोरम ने पावरकॉम पर डेढ़ हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बहादुर सिंह बख्शी अपनी शिकायत में बताया था कि उनके घर में लगे मीटर में दो महीने का बिजली का बिल 3000 हजार से 4500 रुपये सर्दियों आता है। गर्मियों में यह बिल 12000 हजार रुपये आता है। उनके घर के दो हिस्से हैं। ग्राउंड फ्लोर पर वह रहते हैं और पहली मंजिल पर उनके भाई रहते हैं। दोनों का मीटर अलग है। पावरकॉम ने अगस्त 2018 में उनके मीटर को बदल कर डिजीटल कर दिया था।
जुलाई 2018 में उनका बिल 4351 रुपये आया था। इसका भुगतान उन्होंने कर दिया था। मीटर बदलने के बाद 26 सितंबर को उनका बिजली का बिल 28300 रुपये आया। इसमें बताया कि उनका बिजली की खपत 3250 यूनिट है। उन्होंने पावरकाम अधिकारियों से संपर्क किया लेकिन उन्होंने इसके बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। इसके बाद उनका 31,440 रुपये का बिजली का बिल आया। इसके बाद अधिकारियों ने उन्हें 15 हजार रुपये जमा करवाने का निर्देश दिया। इसके बाद जनवरी 2019 को उनका बिजली का मीटर बदल दिया गया। पुराने मीटर की जांच के लिए गोराया स्थित लैब में भेज दिया गया। इसी दौरान उन्हें 4500 रुपये का बिजली का बिल आया। इसके साथ ही उन्हें 38710 रुपये जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने उपभोक्ता अदालत से पावरकॉम द्वारा जारी किए गए गलत बिल को रद्द करने व उन्हें एक लाख रुपये का मुआवजा दिलवाने की मांग की है।
फोरम के प्रधान कुलजीत सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलों व दस्तावेजों को देखने के पावरकॉम जमा किए गए रुपये को अगले बिल में एडजस्ट करने का निर्देश दिए। इसके साथ पावरकाम से उपभोक्ता को एक हजार रुपये मानसिक परेशानी के एवज में व 500 सौ रुपये कानूनी खर्च के रुपये में अदा करने निर्देश दिए हैं।