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'पॉलीथिन जहर है जो पूरे पर्यावरण को कर देगा नष्ट'

वासदेव परदेसी, नवांशहर:प्लास्टिक बैग्स पर्यावरण के लिए बड़ी समस्या बन गए हैं। सरकार ने इसे प्रतिबंधित

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Nov 2018 05:45 PM (IST)Updated: Sat, 10 Nov 2018 05:45 PM (IST)
'पॉलीथिन जहर है जो पूरे पर्यावरण को कर देगा नष्ट'
'पॉलीथिन जहर है जो पूरे पर्यावरण को कर देगा नष्ट'

वासदेव परदेसी, नवांशहर:प्लास्टिक बैग्स पर्यावरण के लिए बड़ी समस्या बन गए हैं। सरकार ने इसे प्रतिबंधित भी कर दिया है, लेकिन भी भी इनका जमकर इस्तेमाल हो रहा है। ज्यादातर प्लास्टिक की ऐसी वस्तुएं बनाई जाती हैं जोकि एक बार में काम लेने के बाद फेंक दी जाती है। पॉलीथिन एक प्रकार का जहर है जो पूरे पर्यावरण को नष्ट कर देगा और भविष्य में हम यदि इससे छुटकारा पाना चाहेंगे तो हम अपने को काफी पीछे पाएंगे और तब तक सम्पूर्ण पर्यावरण इससे दूषित हो चुका होगा। इसलिए जरूरी है कि अभी से इसकी शुरुआत की जाए। लोगों को भी इसकी जरूरत को समझना होगा। यदि लोग बाजार में थैला लेकर जाए तो पॉलीथिन से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है।

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प्लास्टिक वातावरण के लिए भी खतरा

हरमेश लाल का कहना है कि प्लास्टिक यह एक ऐसा पदार्थ है जो कि हजारों सालों तक ज्यों का त्यों पड़ा रहता है। यह नष्ट नहीं होता है। जब से मानव ने प्लास्टिक का निर्माण अपनी सुविधा के लिए किया था। लेकिन अब यही प्लास्टिक मानव के जीवन के साथ-साथ पृथ्वी के वातावरण के लिए भी खतरा पैदा कर रहा है।

जहरीले केमिकल का होता है इस्तेमाल

लखवीर ¨सह का कहना है कि प्लास्टिक को बनाने के लिए कई जहरीले केमिकल काम में लिए जाते हैं जिस कारण यह जहां भी पड़ा रहता है धीरे-धीरे वहां पर बीमारियों और प्रदूषण को जन्म देता है। प्लास्टिक मानव की दिनचर्या में इस तरह से घिर चुका है कि जब सुबह में उठने से लेकर रात सोने तक हर वस्तु प्लास्टिक का होता है।

बीमारियों और प्रदूषण को जन्म देता है पॉलीथिन

जसबीर कौर का कहना है कि प्लास्टिक मानव जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। यह बीमारियों और प्रदूषण को जन्म देता है। मानव ने जिस प्रकार तरक्की की है मानव उतना ही आलसी होता जा रहा है। वह घर से कपड़े, कागज या जुट का थैला नहीं लेकर जाता है।

पॉलीथिन का सब पर पड़ा है दुष्प्रभाव

प्रेम ¨सह का कहना है कि प्लास्टिक का पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं के साथ-साथ अन्य जीवन के लिए जरूरी घटकों पर भी इसका बहुत ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ता है। प्लास्टिक एक धीमे जहर का काम कर रहा है यह मानव के जीवन में इस तरह से भूल चुका है कि मानव न चाहते हुए भी इसका उपयोग कर रहा है।


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