बसंत पंचमी पर विद्यार्थी करें मां सरस्वती की पूजा
बसंत पंचमी यानी मां सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित बसंत पंचमी का त्योहार इस बार 30 जनवरी को मनाया जाएगा।
मुकंद हरि जुल्का,नवांशहर : बसंत पंचमी यानी मां सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित बसंत पंचमी का त्योहार इस बार 30 जनवरी को मनाया जाएगा। हिदू कैलेंडर के अनुसार यह पर्व माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। मान्यता है कि त्योहार के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से विद्यार्थियों को बुद्धि और विद्या का वरदान प्राप्त होता है। इस त्योहार पर लोग पीले वस्त्र पहनते हैं और पीले रंग के फूलों से मां सरस्वती की पूजा करते हैं। माना जाता है कि इस पर्व के दन सुहावने मौसम यानी बसंत ऋतु की शुरुआत होती है। शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी से सर्दी कम हो जाती है और गर्मी का आगमन हो जाता है। इसी दिन से प्रकृति रंग-बिरंगे फूलों से सजना शुरू होती है। पेड़ों, फूल व फल लगने का मौसम शुरू हो जाता है। पंजाब में इसका विशेष महत्व होता है। इस दिन पतंगों के शौकीन बच्चे व युवा खूब पतंगबाजी करते हैं।
पूजा करके बच्चों को करवाते हैं परीक्षा की तैयारी : केशव जैन
शिक्षक केशव जैन ने कहा कि स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ घरों में भी लोग मां बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा करते हैं। उन्होंने कहा, हम भी हर साल इस दिन सरस्वती की पूजा करके बच्चों को परीक्षा की तैयारी करवाते हैं। इस दिन का बहुत विशेष महत्व होता है। आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विद्यार्थी मां सरस्वती की पूजा करते हैं।
त्योहार के दिन नया काम शुरू कर सकते हैं : दिनेश कुमार
पंडित दिनेश कुमार ने कहा कि पंजाब में बसंत पंचमी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन हिदू रीति-रिवाज के मुताबिक जो भी काम शुरू करना हो, कर सकते हैं। इस दिन का विशेष महत्व होता है। शादी, विवाह, गृह प्रवेश आदि कार्यो के लिए यह दिन शुभ माना जाता है।
शादियों के शुभ मुहूर्त शुरू होते हैं : भारद्वाज
राजेश भारद्वाज ने कहा कि विवाह शादियों के शुभ मुहूर्त शुरू होते ही बाजारों में रौनक होनी शुरू होती है। व्यापार भी बढ़ता है। पंजाबियों की एक कहावत भी है, आई बसंत पाला उड़ंत। यानी इस दिन से गर्मियों की शुरुआत हो जाती है। मौसम सुहावना शुरू होता है ।
चाइनीज डोर का इस्तेमाल न करें बच्चे : रवि सोबती
जिला व्यापार मंडल के सीनियर सदस्य रवि सोबती ने कहा कि बसंत पंचमी में पतंगबाजी बहुत होती है। बच्चे एक पतंग के लिए अपनी जान जोखिम डाल कर पतंगबाजी करते हैं। उन्हें प्लास्टिक की डोर इस्तेमाल नहीं करनी चाहिए। बच्चों को हमेशा माता-पिता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। अपनी जान जोखिम में नहीं डालनी चाहिए।