गांव की पंचायत ने नशे के खिलाफ प्रस्ताव किया पारित, तस्करों का पूरी तरह करेंगे बहिष्कार
गांव जलवाहा में पंचायत की तरफ से नशा मुक्ति की ओर कदम बढ़ाते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जिसके अंतर्गत यदि गांव का कोई भी व्यक्ति नशा बेचता या नशा करता हुआ पकड़ा गया तो पुलिस कार्रवाई में गांव के किसी भी व्यक्ति की ओर से उसकी मदद नहीं की जाएगी।
संवाद सहयोगी, नवांशहर: गांव जलवाहा में पंचायत की तरफ से नशा मुक्ति की ओर कदम बढ़ाते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जिसके अंतर्गत यदि गांव का कोई भी व्यक्ति नशा बेचता या नशा करता हुआ पकड़ा गया तो पुलिस कार्रवाई में गांव के किसी भी व्यक्ति की ओर से उसकी मदद नहीं की जाएगी, न ही किसी तस्कर को छुड़ाने में गांव का कोई व्यक्ति अपना निजी योगदान देगा। इस निर्णय को अमल में लाने के लिए बकायदा गांव की पंचायत ने एक प्रस्ताव पास किया है। प्रस्ताव में लिखा गया है कि यदि गांव का कोई भी व्यक्ति फिर चाहे वह किसी अहम ओहदे पर क्यों न आसीन हो, अगर किसी तस्कर को कानूनी कार्रवाई से बचाने की सिफारिश करेगा तो उसे भी तस्कर के जुर्म में बराबर का भागीदार माना जाएगा। ग्राम पंचायत जलवाहा की तरफ से पारित किए गए इस प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य गांव के जवानों को नशे से बचाने के साथ-साथ आगे की पीढि़यों को नशे के जंजाल से मुक्ति दिलाना है। इस मौके पर सतनाम सिंह जलवाहा ने कहा कि हम सभी को पंजाब के हर गांव में ऐसे प्रस्ताव पारित करने होंगे तभी नशे के कारोबार पर लगाम लगाकर जवानों को इसके गिरफ्त में जाने से बचाया जा सकता है। डीसी ने पराली को आग लगाने पर लगाई पाबंदी
जागरण संवाददाता नवांशहर: डीसी शहीद भगत सिंह नगर डा. शेना अग्रवाल ने विवरण संहिता 1973 (1974 का एक्ट -2) की धारा 144 के अधीन प्राप्त अधिकारों का प्रयोग करते शहीद भगत सिंह नगर की हदों के अंदर धान की पराली को आग लगाने पर पाबंदी के आदेश जारी किए हैं। अपने आदेशों में उन्होंने कहा है कि अक्सर जमींदारों द्वारा धान की कटाई के बाद बचे अवशेषों को खेतों में आग लगा दी जाती है। जिसके कारण वातावरण, जीव -जंतुओं, समीप खड़ी फसल, सड़क के किनारे लगे पौधे -वृक्षों को काफी नकसान पहुंचता है। साथ ही पराली के धुएं आम जनता की सेहत पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। खेतों में पराली जलाने से जमीन की उपजाऊ शक्ति भी कम हो जाती है।
डीसी ने अपने अन्य आदेशों में कहा है कि जिले में सभी कंबाईन मालिक, जमींदार या किसान धान की कटाई करते समय कंबाईनों के सुपर एसएम में उपलब्ध पंखों को चालू हालत में रखेंगे। बिना सुपर एसएम चलाने पर पूर्ण तरीके से रोक रहेगी। जिले की हदों के अंदर कंबाईन मालिकों की तरफ से धान की कटाई शाम सात बजे से सुबह दस बजे तक नहीं की जाएगी। डीसी द्वारा जारी उक्त आदेश 21 नवंबर 2021 तक लागू रहेंगे।