75 हजार हेक्टेयर खड़ी गेंहू पर संकट के बादल
नवांशहर जिले में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों की नींद उड़ा दी है और पांच महीने की उनकी मेहनत पर लगभग पानी फेर दिय है।
राजीव पाठक, नवांशहर : जिले में रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों की नींद उड़ा दी है और पांच महीने की उनकी मेहनत पर लगभग पानी फेर दिय है। घने बादलों और मौसम विभाग की चेतावनी से किसान अब भगवान भरोसे हैं। रुककर हो रही बारिश से जिले में हजारों हेक्टेयर क्षेत्र में फैली गेहूं को खतरा है। कृषि विभाग ने अधिकारियों को बारिश से हुए नुकसान के बारे में जानने के निर्देश दिए हैं। इस साल जिले में करीब 75 हजार हेक्टेयर में गेंहू की फसल लगभग तैयार है। अगले कुछ दिन में इसकी कटाई शुरू होने वाली थी, लेकिन बेमौसम बरसात खड़ी फसल के लिए नुकसानदायक है। कृषि विभाग के मुताबिक मंगलवार से बुधवार सुबह नौ बजे तक नवांशहर में 7.2 एमएम और बलाचौर में 1.2 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। जानकारों का कहना है कि तैयार फसल पर बारिश का बूरा असर पड़ेगा। इससे गेंहू की क्वालिटी खराब होगी, झाड़ पर भी असर पड़ेगा। इसके साथ ही अब कटाई और लेट से होगी।
कई जगह बिछ गई गेहूं : किसान
बुधवार को नौ बजे काफी बारिश हुई और असल नुकसान इस बारिश का होगा। तेज आंधी से कई जगह गेहूं की फसल बिछ गई है। गांव कमाम के किसान महिदर सिंह ने कहा कि तेज आंधी और बारिश से उनके गेंहू की फसल को नुकसान पहुंचा है। कई जगह गेंहू बिछ गई है। इससे काफी नुकसान हुआ है। अब भगवान ही बारिश को रोके। अगर बारिश नहीं रुकी तो किसानों की मेहनत मिट्टी में मिल जाएगी। हालांकि कुछ किसानों का यह भी कहना है कि बारिश से पहले तेज आंधी आई थी और उससे ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। यदि यहीं आंधी बारिश के बाद आती तो नुकसान कई गुना होता।
बारिश से अधिकतम तापमान में गिरावट
रुक-रुक कर हो रही बारिश से मौसम सुहावना हो गया है। न्यूनतम तापमान पर ज्यादा असर नहीं पड़ा है, लेकिन अधिकतम तापमान में 8 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
फील्ड अधिकारियों को किसानों से तालमेल रखने के निर्देश: सीएओ
चीफ एग्रीकल्चर अफसर डाठ गुरबख्श सिंह ने कहा, बुधवार सुबह आठ बजे तक मामूली बारिश हुई है। इससे फसल को ज्यादा नुकसान नहीं होगा, लेकिन जिस प्रकार बादल दिख रहे हैं इससे फसल को नुकसान होने का खतरा है। गेंहू का दाना काला तब पड़ता है जब तीन-चार दिन तक लगातर बारिश हो या ओले गिरें। गुरबख्श ने बताया कि विभाग के फील्ड स्टाफ को सतर्क कर दिया गया है। अधिकारियों व कर्मचारियों को जिले के किसानों से तालमेल रखने को कहा है। इसके साथ ही किसानों को गाइड करने को कहा गया है कि वे ऐसी स्थिति में फसलों के लिए क्या सावधानी बरतें।
क्वालिटी पर पड़ेगा असर, झाड़ कम होगा : डॉ. मनोज शर्मा
कृषि विज्ञान केंद्र लंगड़ोया (केवीके) के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. मनोज शर्मा ने कहा, जिस तरह से बारिश हो रही है, इसका फसल के उत्पादन पर असर पड़ना तय है। इससे क्वालिटी खराब होगी और गेहूं का दाना भी काला होगा। कटाई का काम भी अब आगे बढ़ जाएगा। बारिश के कारण कटाई के लिए तैयार हो चुकी गेंहू के रंग पर असर पड़ेगा कम बारिश भी हो तब भी चमक खत्म हो जाएगी। ---------