पुलिस ने दबाव में अकालियों पर दर्ज किया केस
संवाद सहयोगी, राहों : राहों नगर कौंसिल प्रधान हेमंत रंदेव, अकाली दल नवांशहर के शहरी प्रधान शंकर दुग्
संवाद सहयोगी, राहों : राहों नगर कौंसिल प्रधान हेमंत रंदेव, अकाली दल नवांशहर के शहरी प्रधान शंकर दुग्गल तथा इनके पार्टनर गौरव चोपड़ा पर हरियाणा से आई शराब का झूठा मामला दर्ज करने तथा कांग्रेस द्वारा पुलिस पर दवाब डालकर झूठा मामला दर्ज करवाने के विरोध में बड़ी संख्या में लोगों ने राहों बस अड्डा पर रोष धरना दिया। एसएचओ गौरव धीर की अगुआई में बड़ी संख्या में इस अवसर सुरक्षा बल तैनात था। डीएसपी नवांशहर राजेश शर्मा ने शहरवासियों को आश्वासन दिया कि वह जल्द ही एसएसपी साहिब से समय लेकर शहरवासियों के एक प्रतिनिधि मंडल की बैठक फिक्स करवाएंगे। डीएसपी राजेश शर्मा को शहरवासियों ने मांगपत्र भी सौंपा गया। राजेश शर्मा के आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया गया। डीएसपी राजेश शर्मा के आश्वासन पर धरना समाप्त किया गया। इस अवसर पर पार्षद बलदेव भारती, महिदर सिंह संधू, कुलवीर सिंह कुल्ला, सुरिदर कौर पाहवा, हरजीत कौर पाहवा, सुभाष चंद्र, मोहन लाल जांगड़ा (सभी पार्षद), पूर्व प्रधान कौंसिल राहों दिनेश चोपड़ा, मामता भुवनेश्वरी मंदिर कमेटी के प्रधान टेक बहादुर भार्गव, सुभाष अरोड़ा, संत आहुजा, ज्ञानी धर्म सिंह, गुरचरण सिंह, जत्थेदार मंगल सिंह, यादविदर सिंह भट्टी, एडवोकेट केके ठुकराल, मनीष अरोड़ा, मास्टर दर्शन सिंह काहलों, राजवंत सिंह बाजवा, जगतार सिंह चाहल, अमरीक सिंह पाहवा, मास्टर कर्मजीत सिंह, संजीव चोपड़ा जज्जी, केवल सिंह माहल, मनोज चोपड़ा, आशिम चोपड़ा, नरेश जैन, उत्सव जैन सहित विभिन्न धार्मिक, समाज सेवी तथा राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
रंजिशन फंसाने वालों को गिरफ्तार करने की मांग
धरने में शामिल सभी लोगों ने उच्चाधिकारियों से मांग की है कि इस झूठे मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए और शराब लाने वाले तथा अकाली नेताओं को रंजिशन फंसाने वालों पर मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार किया जाए। पार्षद बलदेव भारती, डीपीआई पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पुरुषोत्तम चड्ढा, बसपा पंजाब के महासचिव नच्छतर पाल, शापकीपर्स एसोसिएशन राहों के प्रधान जत्थेदार बहादुर सिंह भारटा, गोपाल भनोट, किसान नेता मलकीत सिंह काहलों ने पुलिस द्वारा राजनीतिक दवाब में तीनों नेताओं पर झूठा मामला दर्ज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, हेमंत रंदेव तो बेहद इमानदार व साफ छवि वाले हैं। उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया है।