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शिकायत का नहीं हुआ निपटारा, एसबीआइ पर 10 हजार जुर्माना

नवांशहर जिला उपभोक्ता शिकायत फोरम ने एटीएम से रुपये न निकलने के विवाद का समय से निपटारा न करने और राशि तय समय के भीतर अदा ने करने पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को दस हजार छह सौ रुपये का जुर्माना लगाया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 11:37 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 06:40 AM (IST)
शिकायत का नहीं हुआ निपटारा, एसबीआइ पर 10 हजार जुर्माना
शिकायत का नहीं हुआ निपटारा, एसबीआइ पर 10 हजार जुर्माना

जासं, नवांशहर : जिला उपभोक्ता शिकायत फोरम ने एटीएम से रुपये न निकलने के विवाद का समय से निपटारा न करने और राशि तय समय के भीतर अदा ने करने पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को दस हजार छह सौ रुपये का जुर्माना लगाया है। बैंक ने काफी शिकायतों बाद उपभोक्ता को रिफंड किया था। मिली जानकारी के मुताबिक सलोह रोड निवासी यूनस खोखर ने फोरम से शिकायत की थी कि उनका बैंक अंकाउंट एसबीआइ में है। 31 मई 2018 को उन्होंने राहों के एटीएम से 10 हजार रुपये निकालने थे, लेकिन एटीएम से रुपये नहीं निकले। उनके खाते से हालांकि इसके बावजूद रुपये निकल गए। उन्होंने नजदीकी एटीएम में जाकर दोबारा प्रयास किया तो उनके रुपये निकले दिखाए गए। एसबीआई के एटीएम से जो रुपये नहीं निकले थे बैंक ने उनके खाते में रिफंड नहीं किया। इस पर एटीएम से रुपये निकलने की कुछ समय बाद उन्होंने शिकायत कस्टमर केयर नंबर पर कर दी। कस्टमर केयर द्वारा उन्हें बताया गया कि अगले सात दिनों में ये रूपए उनके खाते में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे।

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बैंक ने जवाब में ट्रांजेक्शन को सक्सेसफुल बताया था

शिकायत करने व आरबीआइ की गाइड लाइन के मुताबिक उनके रुपये बैंक खाते में नहीं डाले गए। उन्होंने 7 जून 2018 को अपने होम ब्रांच में इसके बारे में शिकायत की। बैंक ने उन्हें जवाब भेजा कि राहों एटीएम का ट्रांजेक्शन सक्सेसफुल हुआ था। उस दिन एटीएम से कोई एक्सट्रा रकम नहीं मिली थी। इस प्रकार का जवाब बैंक द्वारा दिए जाने के कारण वे मानसिक रूप से परेशान हो गए, क्योंकि वो रुपये उन्हें मिले ही नहीं थे। वह छुट्टियों में उस समय उतराखंड में थे। इससे परेशान होकर वे अपनी छुट्टियां बीच में ही खत्म करके वापिस आ गए।

सीसीटीवी में भी ट्रांजेक्शन सक्सेसफुल न होती दिखी

उत्तराखंड से लौटने के बाद यूनस खोखर बैंक गए और उन्होंने अधिकारियों को अपनी समस्या बताई। उस दिन की सीसीटीवी फुटेज दिखाने की भी उन्होंने मांग की। बैंक मैनेजर ने उन्हें अकाउंट अफसर के पास भेज दिया। अकाउंट अफसर ने कहा कि उनके खाते ये रुपये निकले थे और एटीएम की ट्रांजेक्शन सक्सेसफुल थी। इसका जवाब उन्हें भेज दिया गया है। बाद में बैंक अधिकारियों के साथ जब उन्होंने सीसीटीवी फुटेज देखी तो उसमें वे एटीएम से डेबिट कार्ड के जरिए ट्रांजेक्शन करते हैं, लेकिन एटीएम से रुपये बाहर नहीं आते हैं। डिप्टी मैनेजर सिस्टम ने उन्हें यह भी दिखाया कि उक्त ट्रांजेक्शन एरर था, जिसका कोड 61 था। राहों के ब्रांच मैनेजर ने स्पष्ट किया कि एटीएम से ज्यादा कैश नहीं मिला था।

2600 रुपये हर्जाने व ब्याज अलग देने की मांग की थी

आरबीआइ की गाइड लाइन के मुताबिक सात दिन में बैंक शिकायत दूर नहीं कर पाया। न तो बैंक की ब्रांच न कस्टमर केयर ने उनकी सुनवाई की। इसके बाद बैंक ने 27 जून को उनके खाते में 10 हजार रुपए जमा करवा दिये गए। इस प्रकार बैंक ने सात दिन ं के भीतर अपना काम नहीं किया। उन्होंने बैंक से उन्हें देरी से उनके रुपए वापस करने का जुर्माना 2600 व उस पर 12 फीसद ब्याज, सेवा में कमी के एवज में 5 हजार , 5 हजार रुपए उन्हें हुई परेशानी का मुआवजा व 2 हजार रुपए कानूनी खर्च दिलाने की मांग की। हालांकि बैंक के प्रतिनिधि ने शिकायत को गलत बताया। एटीएम से रुपए निकले थे और शिकायकर्ता बिना रुपये लिए ही केबिन छोड़ कर चले गए कोई अन्य व्यक्ति आया और वह रुपये लेकर चला गया।

दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दिया फैसला

फोरम के प्रधान कुलजीत सिंह ने दोनों पक्षों की की दलीलों को सुनने के बाद बैंक को 26 सौ रुपए लेट रिफंड करने एवज में छह फीसद ब्याज के साथ अदा करने के लिए कहा। इसके साथ ही पांच हजार रुपये मुआवजा देने, एक हजार रुपये कानूनी खर्च, 2000 हजार रुपये फोरम को लीड एड के लिए जमा करवाने के निर्देश दिए। फोरम ने इन आदेशों को एक महीने के भीतर लागू करने का निर्देश दिया।


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