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कनाडा का लगाया जाली वीजा, 20 लाख रुपये ठगे

ट्रैवल एजेंट ने कनाडा भेजने के नाम पर ठगी का ऐसा कारनामा किया है कि उसके शिकार को उस समय पता लगा जब वह कनाडा की टिकटें बुक करवा कर कनाडा जाने के लिए नई दिल्ली पहुंच गया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Apr 2019 12:08 AM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2019 12:08 AM (IST)
कनाडा का लगाया जाली वीजा, 20 लाख रुपये ठगे
कनाडा का लगाया जाली वीजा, 20 लाख रुपये ठगे

जागरण संवाददाता, नवांशहर :ट्रैवल एजेंट ने कनाडा भेजने के नाम पर ठगी का ऐसा कारनामा किया है कि उसके शिकार को उस समय पता लगा जब वह कनाडा की टिकटें बुक करवा कर कनाडा जाने के लिए नई दिल्ली पहुंच गया। ट्रैवल एजेंट ने घर आकर अपने शिकार से 20 लाख रुपये नकद लेकर गया था। ट्रैवल एजेंट की ठगी के शिकार व्यक्ति तो इतना निराश हो गए कि आत्महत्या करने की सोचने लगे। उनके सालों की कमाई रकम को ट्रैवल एजेंट ने ठग लिया था। पुलिस से शिकायत की तो पुलिस ट्रैवल एजेंट का पता नहीं कर पायी। एक साल बाद पीड़ित ने खुद ट्रैवल एजेंटों का पता कर पुलिस को फिर से शिकायत दी तो थाना बहराम की पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

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ठगी के शिकार गुरभेज सिंह ने बताया कि वह इंग्लैंड में छह -सात साल तक रह कर काम कर 20 लाख रुपये की रकम जोड़ी थी। वे वापस अपने गांव जस्सो माजरा आ गए थे। वे अपने परिवार के साथ विदेश जाकर रहना चाहते थे, इसलिए गांव के एक व्यक्ति से उन्होंने बात की थी। इसके बाद बलविदर उनके घर आया और विदेश भेजने का झांसा दिया। उसने उनकी पत्नी व बेटे के साथ वीजा लगवाने के लिए 20 लाख रुपये की डिमांड की। वे इसके लिए राजी हो गए। वे उनका व उनकी पत्नी व बेटे का पासपोर्ट लेकर गए। बलविदर के साथ पूनम व उसके दो साथी और भी थे। एक सप्ताह बाद वे पासपोर्ट लेकर वापिस पहुंचे। तीनों के पासपोर्ट पर वीजा लगा हुआ था। वे उनकी बातों में आ गए उन्होंने कहा कि इसकी लोगों बिल्कुल पता न चले कि कैसे वीजा लगा। इसके बाद उनसे 20 लाख रुपए रुपये लेकर चले गए। वीजा लगने के बाद वे अपने परिवार की टिकटें कनाडा के लिए बिक करवा कर फ्लाइट पर बैठने के लिए दिल्ली गए वहां एयरपोर्ट पर पता चला कि उनका वीजा तो नकली है। इससे वे मानसिक रूप से परेशान हो गए कि उनके साथ इस प्रकार ठगी गई है। वे तो आत्महत्या की सोचने लगे,क्योंकि उनकी सालों की मेहनत से कमाई रकम को बलविदर सिंह व उनके साथियों ने ठग ली थी।

इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की। बलविदर का केवल मोबाइल नंबर उनके पास था। पहली शिकायत नवंबर 2016 में की। पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर बलविदर व उसके साथियों का पता नहीं लगा पाई। पुलिस ने मामले को बंद कर दिया। इसके एक साल तक गुरभेज बलविदर के बारे में पता करते रहे। फिर उन्हें इसके बारे में जानकारी हुई। तो उन्होंने इसके बारे में पुलिस से शिकायत की। पुलिस से शिकायत होने के बाद बलविदर व उसके साथियों ने कहा कि वे उसके रुपये वापिस कर देंगे। एक बार उन्होंने डेढ़ लाख रुपए की रकम एटीएम मशीन के जरिए उनके खाते में जमा करवाई। बाद में पता लगा कि एक आरोपित विदेश भाग गया। उसने फोन कर गुरभेज से कहा कि वह उनके रुपये वापिस भेज देगा, लेकिन उनके रुपए वापिस नहीं। उन्होंने पुलिस ने मामले की पड़ताल के बाद जालंधर के रामा मंडी स्थित मंडी मजार निक्का शाह निवासी बलविदर पाल व काजी मंडी की पूनम के खिलाफ धोखा धड़ी व पंजाब ट्रैवलर प्रोफेशनल एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस ने अभी तक इस संबंध में किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया।

ट्रैवल एजेंट खुद पहुंचा था आफर लेकर

इस ठगी के मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि ठगी करने वाला बलविदर व पूनम अपने साथियों के साथ विदेश भेजने का आफर लेकर गुरभेज के घर गए थे।

गुरभेज के मुताबिक आरोपित एक शोक सभा के दौरान उसके पास आए और विदेश जाने की बातें करने लगे। उनकी बातों में आकर उन्होंने कहा कि वे भी कनाडा जाना चाहते हैं। बलविदर व पूनम ने कहा कि उनकी एंबेसी में सेटिग है व उन्हें एक सप्ताह में वीजा लगवा दें। उन्होंने वीजा लगवाने के बाद रुपए देने की बात कही। विश्वास में लेने के लिए उन्होंने कई लोगों के वीजा भी दिखाए थे। इसके साथ ही उनसे कहा था कि इसके बारे में किसी से चर्चा न करें।

पहचान छुपाने के लिए हरियाणा का मोबाइल नंबर दिया

बलविदर ने अपने बारे में पता न चले इसके लिए हरियाणा का एक ऐसा नंबर दिया था, जो किसी और के नाम था। पुलिस ने पहली बार जब शिकायत होने के बाद जांच की तो पता चला कि वह हरियाणा के किसी व्यक्ति के नाम पर है। ठगी करने के बाद उसने उक्त सिम को बंद कर दिया था। इससे पुलिस की जांच आगे नहीं बढ़ पायी थी।


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