नशामुक्ति केंद्रों में बढ़ने लगी नशा छोड़ने वालों की संख्या
जागरण संवाददाता, नवांशहर इन दिनों रेडक्रॉस नशामुक्ति केंद्र व पुनर्वास केंद्र में चलाए जा र
जागरण संवाददाता, नवांशहर
इन दिनों रेडक्रॉस नशामुक्ति केंद्र व पुनर्वास केंद्र में चलाए जा रहे आउट पेशेंट ओपीडी असिस्टेड ट्रीटमेंट केंद्र में नशा छोड़ने वाले मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। हालात यह है कि आउट पेशेंट ओपीडी असिस्टेड ट्रीटमेंट केंद्र में हर रोज करीब-करीब 15 से 20 मरीज आ रहे हैं व नशा छोड़ने की दवा ले रहे हैं। कहा जा रहा है कि यह सब नशे के खिलाफ विभिन्न समाजसेवी संगठनों व राजनीतिक दलों की तरफ से शुरू की गई मुहिम व ओवरडोज की वजह से युवकों की मौत के बाद जागी सरकार की तरफ से पुलिस प्रशासन को नशे के मरीजों को ढूंड-ढूंडकर नशामुक्ति केंद्र तक पहुंचाया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से चलाए जा रहे आउट पेशेंट ओपीडी असिस्टड ट्रीटमेंट केंद्र पर बकायदा पेशेंट की हिस्ट्री ली जा रही है, बल्कि उनकी काउंसि¨लग भी की जा रही है, ताकि वे नशा करना बंद कर दें। इसके अलावा उनका आनलाइन डाटा तैयार किया जा रहा है, जिसके तहत अलग अलग कालम भरे जा रहे हैं कि वे कितने समय से नशा कर रहे हैं, कितना व कौन कौन सा नशा कर चुके हैं, कितनी बार दवा खा चुके हैं नशा छोड़ने के लिए। इसके अलावा वे किसी बीमारी का शिकार तो नहीं, या वे किसी गंभीर बीमारी की दवा तो नहीं खा रहे। इसके अलावा केंद्र पर नशा छोड़ने वाले युवकों को नशे की आदत छोडने के लिए दवा भी दी जा रही है।
अब हर रोज आने लगे 50 के करीब मरीज
बताया जा रहा है कि 17 मई को जब यह केंद्र खोला गया था तब इस केंद्र पर इक्का दुक्का मरीज ही आते थे। मगर जून माह के अंत व जुलाई माह में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिसके चलते रोजाना करीब 15 से 20 मरीज नए जुड़ रहे हैं। इसके अलावा रोजाना पुराने मरीज भी यहां नशे की आदत हटाने के लिए दवा लेने के लिए आते हैं। जिसके चलते रोजाना आने वाले मरीजों की संख्या 50 से 60 के करीब पहुंच रही है।
पंचायत के सदस्यों व परिवार के समझाने पर पहुंचे यहां
यहां नशा छोडने के लिए दवा लेने के लिए आए मरीजों में से कुछ युवकों ने बताया कि वे पंचायती सदस्यों, पारिवारिक सदस्यों के समझाने पर ही पुलिस की मदद से नशा छोडने के लिए केंद्र से दवा ले रहे हैं। वे यह आदत छोड़ना चाहते हैं। यहां केंद्र में रोजाना संबंधित मरीज को डॉक्टर की हाजिरी में दवा खिलाई जाती है। जबकि मरीज के साथ-साथ पारिवारिक सदस्यों की भी काउंसि¨लग की जाती है, ताकि वे मरीज को नशा छोड़ने में सहयोग करें।
अधिकतर संख्या टीका लगाने वालों की
केंद्र में मौजूद डॉ. बलवीर कुमार ने बताया कि मरीजों में अधिकतर संख्या टीका लगाने वालों की है। जबकि जो युवा नशा छोड़ने की दवा ले रहे हैं उनमें शराब सहित भांग, चूरापोस्त, अफीम, हेरोइन (चिट्टा) आदि का नशा करने वाले हैं। जिनका सफलता पूर्वक उपचार केंद्र के जरिए किया जा रहा है।
रेडक्रॉस नशामुक्ति केंद्र में भी रोजाना आ रहे हैं औसतन 5 मरीज
रेलवे रोड पर स्थित रेडक्रॉस नशामुक्ति केंद्र में रोजाना औसतन 5 मरीज नशा छोड़ने के लिए दवा लेने आ रहे हैं। केंद्र संचालक चमन ¨सह का कहना है कि दो हफ्ते से ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। जबकि 15 बैड वाले केंद्र में मौजूदा समय में 9 मरीज भर्ती है, इसके अलावा बीते दो हफ्तों के दौरान केंद्र की तरफ से जहां मरीजों को दवा दी गई है, वहीं पर गंभीर मरीजों को जालंधर के सरकारी नशामुक्ति केंद्रों के लिए रेफर भी किया गया है। वे बताते हैं कि एकाएक मरीजों की संख्या बढ़ रही है।