सरकारी स्कूलों को स्मार्ट बनाने को एनआरआइज ने दिए 1.19 करोड़ : डीसी
विदेशों में बसे अनिवासी भारतीयों ने जिले के सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने व उन्हें माडर्न बनाने के लिए योगदान दिया है।
जेएनएन, नवांशहर : विदेशों में बसे अनिवासी भारतीयों ने जिले के सरकारी स्कूलों की स्थिति सुधारने व उन्हें माडर्न बनाने के लिए योगदान दिया है। पिछले एक साल में एनआरआइज ने जिले के स्कूलों के उद्धार के लिए 1.19 करोड़ रुपयों की सहायता दी है। यह कहना था डीसी विनय बबलानी का। वे जिला शिक्षा विकास कमेटी की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
डीसी ने कहा कि स्कूलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और स्मार्ट स्कूलों में परिवर्तित करने के लिए अनिवासी भारतीयों से बड़ा समर्थन मिला है। जिले ने अब तक 96 प्राथमिक स्कूलों को स्मार्ट स्कूलों में परिवर्तित किया गया है। इन 96 स्कूलों में से 81 के लिए एनआरआइ का योगदान दिया है।
जिला शिक्षा अधिकारी (प्राइमरी) कोमल चोपड़ा ने बताया की डीसी की अपील पर एनआरआइ 1.19 करोड़ रुपये का योगदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपायुक्त की पहल पर 31 और प्राथमिक स्कूलों को स्मार्ट स्कूल बनाने के लिए औद्योगिक इकाइयों की मदद मिल रही है। इसके अलावा, लोगों की मदद से 15 अपर प्राइमरी स्कूलों को भी स्मार्ट स्कूल बनाया गया है।
डीसी ने एनआरआइज द्वारा सरकारी स्कूलों की मदद के लिए आगे आने के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा कि कि अनिवासी भारतीय दुनिया के किसी भी कोने में रहेंगे, लेकिन वे हमेशा उनके मन में अपनी मिट्टी के प्रति मोह हमेशा बना रहता है। एनआरआइ द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में इन स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए किया गया योगदान दूसरों के लिए भी प्रेरणा होगा। इससे अन्य लोग भी सबक लेकर शिक्षा के बुनियादि ढांचे में सुधार में मदद के लिए आगे आएंगे।
इस दौरान राष्ट्रीय पोषण अभियान और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में छात्राओं की जन्मदिन मनाने, कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जागरूकता अभियान, लेख और अन्य प्रतियोगिता का आयोजन, पौधरोपण जैसी गतिविधियों की प्रशंसा की।
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