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सख्ती के बाद नशा छुड़ाओ केंद्रों की ओपीडी में बढ़ोतरी

जासं, नवांशहर नशा छुड़ाओ मुहिम के बाद अब नशा छुड़ाओ केंद्रों की ओपीडी में मरीजों की संख्यां में बढ़ो

By JagranEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 06:41 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 06:41 PM (IST)
सख्ती के बाद नशा छुड़ाओ केंद्रों की ओपीडी में बढ़ोतरी
सख्ती के बाद नशा छुड़ाओ केंद्रों की ओपीडी में बढ़ोतरी

जासं, नवांशहर

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नशा छुड़ाओ मुहिम के बाद अब नशा छुड़ाओ केंद्रों की ओपीडी में मरीजों की संख्यां में बढ़ोतरी हो रही है।

एडीसी द¨वदर ¨सह ने बताया कि जनवरी 2018 से मई 2018 तक ओपीडी में 13887 नशा पीड़ितों की गिनती दर्ज की गई है, जबकी दाखिल होने वाले पीड़ितों की संख्या 198 रही है। पिछले साल के मुकाबले इस साल इसमें 79 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

नशा पीड़ितों का इलाज के लिए इस प्रकार आगे आना समाज के लिए शुभ संकेत है, क्योंकि कोई व्यक्ति तभी नशा छोड़ सकता है जब वह अपने अंदर से नशे को तिलांजली देने का प्रण कर ले। इस साल मई महीने के दौरान नशा छुड़ाओ केंद्र में कुल 827 नशा पीड़ित आए हैं। इसके साथ ही 45 नए नशा पीड़ितों को नशा मुक्ति केंद्रों में दाखिल किया गया है।

सरकारी नशा छुड़ाओ केंद्र सिविल अस्पताल बलाचौर व इंडियन रेड क्रास सोसायटी की ओर से स्थानीय रेलवे रोड पर चलाये जा रहे रेड क्रास नशा छुड़ाओ केंद्र के अलावा गुरु नानक मिशन अस्पताल ढाहा कलेरां, नवांशहर में आईवीवाई अस्पताल, संधू अस्पताल, करियाम में आसरा पुनर्वास केंद्र, भारत अस्पताल व आशा नशा छुड़ाओ केंद्र ही जिले में अधिकृत तौर पर चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से जिले में पंजाब नारकोटिक्स प्रीवेंशन मुहिम के तहत जिलास्तर पर गठित कमेटी कर जागरुकता कार्यक्रमों से लोगों को नशों से दूर रहने का संदेश दिया जा रहा है।

एडीसी ने कहा कि लोग नवांशहर व बलाचौर में खोले गए ओट सेंटर्स में भी नशा पीड़ित संपर्क करके अपना इलाज करवा सकते हैं।


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