पराली के निपटारे में देश को राह दिखाएं किसान पंजाब के किसान: बदनौर
जाटी, बलाचौर/काठगढ़ राज्यपाल व पीएयू के चांसलर वीपी ¨सह बदनौर ने कहा कि कभी देश विदेश्
जाटी, बलाचौर/काठगढ़
राज्यपाल व पीएयू के चांसलर वीपी ¨सह बदनौर ने कहा कि कभी देश विदेश से मंगवाई जाने वाली पीएल 480 गेहूं पर निर्भर था, लेकिन हरित क्रांति के जरिए देश को गेहूं के मामले में अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए नेतृत्व प्रदान करने वाले प्रदेश के किसान ही पराली के निपटारे के लिए देश के किसानों का मार्गदर्शक बने। वे बल्लोवाल सौंखड़ी में किसान मेले को संबोधित कर रहे थे।
राज्यपाल ने कहा कि पराली को आग लगाने से पर्यावरण को तो नुकसान पहुंचा ही रहा है। इसके साथ ही यह लोगों के लिए भी घातक बन सकता है। सरकार की ओर से पराली को आग लगाने से रोकने के लिए सब्सिडी पर खेती मशीनरी दी जा रही है। इसका हमें ज्यादा से ज्यादा फायदा लेना चाहिए। उन्होंने किसानों को ज्यादा से ज्यादा हैप्पी सीडर का इस्तेमाल करने के लिए भी प्रेरित किया।
पीएयू के वीसी डॉ. बलदेव ¨सह ढिल्लों ने कहा कि कंडी का इलाका सूबे के अन्य इलाकों से अलग है। यहां खेती में विभिन्नता लाकर लाभ कमाया जा सकता है। उन्होंने किसानों से पराली के निपटारे के लिए आधुनिक तकनीक अपना कर वातावरण को बचाने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस पर केंद्र व राज्य सरकार गंभीरता से काम कर रही है। इस काम में हमें अपना योगदान देना चाहिए। आज पराली का निपटारा हमारे लिए बड़ी समस्या बन गई है। यह हमारी ड्यूटी है कि हम इसके निपटारे में अपना योगदान दें। इससे आने वाली नस्लों की भलाई छुपी हुई है।
पीएयू के डॉ. डीआर भुंबला ने कहा कि किसानों के लिए आयोजित मेलों में आने व किसानों से मिलकर पता लगता है कि पीएयू व किसानों का रिश्ता कितना मजबूत है। ऐसी मिसाल देश में कहीं और नहीं मिलती है। राजस्थान का किसान पंजाब के किसानों से सीखता है क्योंकि यहां के किसान बहुत ही प्रगतिशील हैं।
मेले को पीएयू के डॉ. दर्शन ¨सह, विधायक दर्शन ¨सह मंगूपुर, डीसी विनय बबलानी, एसएसपी दीपक हिलोरी, डॉ. जसकरण माहल, डॉ. नवतेज ¨सह, डॉ. मनमोहन ¨सह व अन्य मौजूद थे। बाक्स---
किसानों के लिए लगाए गए थे 104 स्टाल
किसान मेले में 104 अलग-अलग बीज, पौधों व खेतीबाड़ी से संबंधित पुस्तकों व उत्पादों के स्टाल लगाए गए थे। बीज, पौधों के स्टालों पर किसान की भीड़ उमड़ी। मेले में महिलाओं की भी सहभागिता रही। मेले में हिमाचल व जम्मू के किसान भी पहुंचे थे। मेले में स्कूल बच्चों द्वारा गिद्धा, नाटक व अन्य सभ्याचार कार्यक्रम भी पेश किए गए।