वारदात को अंजाम देने के लिए नौ साल पुराने तरीके को आजमाया था गैंग ने
जासं, नवांशहर बेगमपुर में एनआरआई के घर में लूटपाट व हत्या को अंजाम देने वाले कलंदर
जासं, नवांशहर
बेगमपुर में एनआरआई के घर में लूटपाट व हत्या को अंजाम देने वाले कलंदर गिरोह ने वारदात को अंजाम देने के लिए 9 साल पुराने तरीके को आजमाया था।
नौ साल पहले नवांशहर में वारदात के समय में भी वे राहों से पैदल चल कर मंदिर तक पहुंचे थे। घटना को अंजाम देने के बाद भी पैदल ही फरार हो गए थे। पकड़े गए चारों लुटेरों से पुलिस पूछताछ कर बाकी लुटेरों तक पहुंचने के प्रयास में है। पकड़े गए चारों लुटेरे 1 सितंबर तक के पुलिस रिमांड पर हैं।
पुलिस के मुताबिक नौ साल पहले इस गिरोह का पड़ाव मेहरबान में था। वहां से ये लोग राहों आए। इस बार इनका पड़ाव मलेरकोटला में था, वहां से फिर ये राहों पहुंचे। इलाका इनका देखा हुआ था। इन्होंने फिर इसी गांव को अपना निशाना बनाया। यह गिरोह इतना शातिर है कि न तो मोबाइल फोन इस्तेमाल करता है और नहीं इनका कोई पक्का ठिकाना है। वारदात के बाद ये एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते रहते हैं। जब तक पुलिस को पता चलता है तब तक ये अपना ठिकाना बदल देते हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इस गिरोह के सदस्य अभी कहां है इसका कुछ पता नहीं है। कई बार ये दूसरे राज्यों में भी भाग जाते हैं क्योंकि इनके साथी पुलिस की गिरफ्त में आ गए हैं। ये गैंग के सदस्य जिस कबीले से संबंध में रखते हैं वह आम के साथ संपर्क नहीं रखते हैं। इसका कारण इनका समाजिक विकास नहीं हो पाया है।
एसएसपी दीपक हिलोरी कहते हैं कि पुलिस लुटेरों के बाकी साथियों को पकड़ने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। उन्हें भी जल्दी गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस इन्हें सजा दिलाने के लिए सभी साक्ष्य जुटा रही है। हमने पुलिस अधिकारियों को इनके राहों वाले पड़ाव से एनआरआई के घर तक पैदल चलवा कर देखा है, जिससे साफ हो जाए कि इन्हें यहां तक पहुंचने में कितना समय लगा। इनके बयानों में कितनी सच्चाई है।