नशे के गंदे धंधे में भी महिलाएं बेखौफ
जिले के नशीले पदार्थों की तस्करी में भारी संख्या में महिला तस्कर सक्रिय हैं। स्थिति कितनी गंभीर है इसका अंदाज लगाया जा सकता है कि जिले में पिछले पांच सालों में पकड़े गए कुल नशा तस्करों में 21 फीसद महिलाएं हैं। दूसरे शब्दों कहें तो तस्करी के काले कारोबार में हर पांचवी तस्कर महिला है।
राजीव पाठक, नवांशहर
जिले के नशीले पदार्थों की तस्करी में भारी संख्या में महिला तस्कर सक्रिय हैं। स्थिति कितनी गंभीर है इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि जिले में पिछले पांच सालों में पकड़े गए कुल नशा तस्करों में 21 फीसद महिलाएं हैं। दूसरे शब्दों कहें तो तस्करी के इस काले कारोबार में हर पांचवीं तस्कर महिला है।
पहले नशे के कारोबार में केवल पुरुष शामिल होते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों में महिलाएं भी नशा तस्करी करने लगी है। इससे नशा तस्करी की तस्वीर बदल गई है। महिला तस्कर कानून की आंखों में धूल झोंक लोगों को नशे का जाल में फंसा रही हैं और उन्हें नशा सप्लाई कर रही है। महिला तस्कर हेरोइन, चूरा-पोस्त, अफीम, नशीले इंजेक्शन, नशीली गोलियां, चरस समेत सभी प्रकार के नशे की सप्लाई में संलिप्त हैं। इन महिलाओं पुलिस की मुश्किलों को बढ़ा दिया है।
पुलिस द्वारा महिला तस्करों के पकड़ने की बात करें तो पुलिस ने पिछले पांच सालों में महिला तस्करों पर कुल दर्ज मामले 216 दर्ज किए गए हैं। इसके साथ ही पुलिस ने इन मामलों से संबंधित 255 महिला तस्कर को गिरफ्तार कर भारी संख्या में नशे को भी पकड़ा है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक नशे के कारोबार करने वाली महिला तस्कर ऐसी हैं कि पुलिस की गिरफ्तारी के बाद भी इन्होंने नशा तस्करी को बंद नहीं किया है। नशा तस्कर महिलाएं इतनी शातिर हैं कि पुलिस को हर बार चकमा दे जाती हैं।
जिले की 255 महिला तस्करों के बारे में तो पुलिस को जानकारी है जिन्हें पुलिस पकड़ चुकी है, लेकिन बहुत सी महिला तस्कर ऐसी हैं, जिन तक पुलिस अभी भी पहुंच नहीं पाई है। बहरहाल, जिस तरह से पुलिस इन्हें गिरफ्तार कर रही है, उससे महिला तस्करों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। बाक्स---
घर से चलाती हैं नशे का कारोबार
पुलिस द्वारा अब तक जिन महिला नशा तस्करों को पकड़ा गया है वे घर से ही कारोबार चलाती है। नशे के आदी लोग सीधे उनके घरों से ही आकर नशे को ले जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक पुलिस से बचने के लिए यह तरीका अपनाती हैं कि वे अनजान लोगों को नशा नहीं बेचती हैं। केवल पुराने नशा खरीदने वालों या उनके द्वारा पहचान करवाए गए लोगों को बेचती हैं। यही कारण है कि पुलिस इन तक नहीं पहुंच पाती है। बताया जाता है कि इतने शातिर तरीके से कारोबार करती है कि पुलिस की छापामारी होने पर ये पुलिस को चकमा देने में भी कामयाब हो जाती है। बाक्स---
जांच में नरमी का फायदा उठाती हैं महिला तस्कर
जानकार बताते हैं कि कहीं नाकाबंदी हो या जांच चल रही हो वहां महिलाओं के वाहनों की जांच नहीं होती है। पुलिस ज्यादातर मामलों में परहेज करती है। पुलिस जांच तब करती है जब उसके पास पुख्ता जानकारी हो। इसके लिए महिला पुलिस के साथ ही जांच की जाती है। इसी का फायदा तस्कर उठाते हैं। महिलाओं के प्रति साफ्ट पुलिस को देखते हुए भी तस्करी में महिलाओं को आगे कर दिया जाता है। इनसेट---
बरामदगी
हेरोइन : 4. 10 किलो
अफीम : 1.75 किलो
चूरा पोस्त : 922.6 किग्रा.
चरस : 1. 250 किग्रा.
नशीले इंजेक्शन : 1455
नशीला लिक्विड : 960 ग्राम बाक्स--
पुलिस करती है कार्रवाई : एसएसपी
एसएसपी दीपक हिलोरी कहते हैं कि नशा तस्करी में काफी संख्या में महिलाएं सक्रिय हैं। पुलिस इन्हें पकड़ती भी है। नशा तस्करी कोई भी करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। पुलिस के काम का ही नतीजा है कि पिछले सालों में बहुत सी महिला तस्करों को पकड़ा गया है। पुलिस नशा के खिलाफ सख्त है इसकी सप्लाई लाइन खत्म किया जाएगा, जिससे लोग नशे के शिकार न हों।