शाम ढलते ही थानों के गेट हो जाते हैं बंद !
जागरण संवाददाता, नवांशहर शाम ढ़लते ही जिला मुख्यालय में स्थित सिटी व सदर थाने के गेट पूरी तरह से ब
जागरण संवाददाता, नवांशहर
शाम ढ़लते ही जिला मुख्यालय में स्थित सिटी व सदर थाने के गेट पूरी तरह से बंद कर दिए जाते हैं। बताया जा रहा है कि सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाए जा रहे हैं।
यही नहीं दिन के समय हालात यह होते हैं कि दोनों थानों के बड़े गेट खोलने की बजाए गेट का एक हिस्सा ही खोला जाता है। पूरा गेट पुलिस की गाड़ी के आने पर ही खोला जाता है। बाद में फिर से बड़ा गेट बंद करके जनता के आने व जाने के लिए छोटा गेट ही खोला जा रहा है।
बता दें कि बीते दिनों ¨भडरांवाला टाईगर फोर्स आफ खालिस्तान की लैटर पैड की स्कैन कॉपी वायरल हुई थी, जिसके बाद जिला पुलिस अलर्ट हो गई थी। हालांकि अधिकारियों की तरफ से इस लैटर को निराधार व बे बुनियाद ठहराया था। इसके बावजूद पुलिस की तरफ से न केवल एसएसपी दफ्तर के बाहर एलएमजी लैस गाड़ी तैनात कर दी गई थी, साथ ही एसएसपी दफ्तर का बड़ा गेट बंद कर दिया गया था। हालांकि अब गाड़ी वहां से हटा ली गई है, लेकिन बड़ा गेट आधा ही खोला जा रहा है। इसी तरह सिटी थाना नवांशहर व सदर थाना के गेट भी बंद कर दिए गए हैं। आलम यह है कि दिन के समय तो मुख्य गेट के बड़े हिस्से बंद रहते हैं, मगर रात के समय बड़े गेट भी 10 बजे के बंद कर दिए जाते हैं।
पुलिस की तरफ से हवाला सुरक्षा का दिया जा रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि अगर पुलिस थाना ही सुरक्षित नहीं है तो बाहर आम लोग कैसे सुरक्षित हो सकते हैं। पुलिस की तरफ से गेट बंद रखने का कारण लोगों की समझ से परे है। हालांकि लोगों का कहना है कि दिन के समय तो गेट का एक हिस्सा खुला होता है मगर रात के समय तो गेट पूरी तरह बंद कर दिए जाते हैं। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति को रात के समय पुलिस की मदद की जरूरत पड़ जाए तो वह कहां जाए।
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वायरल हुई लैटर में नवांशहर में भी हमला करने की है बात
¨भडरांवाला टाईगर फोर्स ऑफ खालिस्तान की वायरल हुई लैटर में जालंधर के मकसूदां थाना में हमला करने की जिम्मेदारी ली गई है। इसके अलावा एसएसपी दफ्तर नवांशहर और दरिया पुलिस स्टेशन चंडीगढ़ पर हुए हमले की जिम्मेदारी अपने सिर पर लेने की बात लिखी गई है। लैटर में लिखा है कि भले ही पुलिस ने नमोशी की वजह से नवांशहर व चंडीगढ़ में हुए हमले व हुए नुकसान की खबर बाहर नहीं आने दी। आगे लिखा है कि सिखों पर जुल्म करने वालों को सुख की नींद नहीं सोने दिया जाएगा। हमारी तरफ से किसी को भी वार्निंग या संभलने का मौका नहीं दिया जाएगा। जिन पुलिस वालों को अपनी जान प्यारी है वे सिखों पर जुल्म करना छोड दें इमानदारी से लोगों की सेवा करें। अन्यथा प्रलोक की तैयारी करके रखें। लैटर के नीचे दिलबाग ¨सह के नाम से हस्ताक्षर किया गया है।
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सुरक्षा की लिहाज से बंद किए जाते हैं गेट: एसपी
एसपी (जांच) बलराज ¨सह का कहना है कि थानों में आने-जाने के रास्ते के लिए गेट खुले रखे जाते है, जबकि थानों में संतरी 24 घंटे तैनात रहते हैं। इसलिए जरूरत के अनुसार गेट खोल भी दिए जाते हैं। रात को सुरक्षा के लिहाज से गेट बंद किए जाते हैं। मगर थाने के बाहर से संतरी को बुलाया जा सत्ता है, क्योंकि संतरी की तैनाती गेट के ठीक सामने होती है। अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ाने जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने पहले से ही निराधार बताए गए लैटर का गेट बंद किए जाने से कोई संबंध न होने की बात भी कही है।