सिविल अस्पताल में डाक्टर के पद खाली, कुछ छुट्टी पर, मरीज भगवान भरोसे
ऋषि चंदर, नवांशहर जिले के सिविल अस्पताल अपनी सुविधाओं व व्यवस्थाओं के मामले में सूबे में अव्वल है
ऋषि चंदर, नवांशहर
जिले के सिविल अस्पताल अपनी सुविधाओं व व्यवस्थाओं के मामले में सूबे में अव्वल है। अप्रैल महीने में ही अस्पताल को राष्ट्रीय स्तर के दो पुरस्कार भी मिले चुके हैं, लेकिन यहां डाक्टरों व अन्य कर्मचारियों के पद खाली है। मौजूदा स्थिति में किसी तरह यहां काम चलाया जा रहा है। स्थिति तब और गंभीर हो जाती है, जब डाक्टर छुट्टी पर चले जाते हैं।
जिला सिविल अस्पताल को कायाकल्प 2017 व नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड अवार्ड मिला है। देश भर में एक साथ दो पुरस्कार लेने वाला यह पहला अस्पताल है। अस्पताल ने देश भर के 18 राज्यों के 91 अस्पतालों से यह बाजी मार कर यह मुकाम हासिल किया है। लेकिन यहां सेहत सुविधाओं की स्थिति गंभीर होती जा रही है। यहां रोजाना इलाज के लिए तीन से चार सौ मरीज रोजाना आते हैं, लेकिन यहां डाक्टर्स व अन्य स्टाफ के कई पद खाली पड़े हुए। इससे यहां आने वाले मरीजों भगवान भरोसे ही हैं।
अस्पताल में एक मनोरोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ, रेडियोलास्जिस्ट, माइक्रोबाइलाजिस्ट के पद खाली पड़े हुए हैं। यहां की सफाई व्यवस्था को कायम रखने वाले दर्जा चार मुलाजिम जिनके यहां 36 पद है, लेकिन अस्पताल में केवल 8 कर्मचारी हैं। बाकी सभी पद खाली है। इसी तरह एंबुलेंस के लिए ड्राइवर का भी पद खाली पड़ा है। इसके कारण मरीजों को लाने या दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने में परेशानी आती है। डाक्टरों के पद खाली होने से अन्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों को दूसरे अस्पतालों में जाना पड़ता है। उससे उन्हें भारी खर्च करना पड़ता है।
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अस्पताल में कम हैं डाक्टर : एसएमओ
एसएमओ डॉ. हर¨वदर ¨सह कहते हैं कि अस्पताल में डाक्टर्स के कई पद खाली है। इसके अलावा भी अन्य पदों पर कर्मचारी नहीं। किसी तरह यहां मैनेज किया जा रहा है।