छठ पूजा : व्रतियों ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य
ऋषि चंदर, नवांशहर बेटे व परिवार की खुशहाली के लिए मनाया जाने वाला छठ पूजा श्रद्धा व उल्लास के स
ऋषि चंदर, नवांशहर
बेटे व परिवार की खुशहाली के लिए मनाया जाने वाला छठ पूजा श्रद्धा व उल्लास के साथ मनाया गया। व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।
शहर में शूगर मिल के पीछे तालाब पर बने घाट पर दोपहर बाद से चहल-पहल शुरु हो गई थी। तालाब के पास मेले जैसा ²श्य दिखाई दिया। काफी संख्या में महिलाओं ने सूर्यदेवता को अर्घ्य देकर परिवार की सलामती की मंगल कामना की। परिवार के साथ छठ पूजा करने आए कमेटी के प्रधान प्रवीण कुमार निराला ने बताया कि छठ पूजा के दौरान तालाब में भक्तजन पूजा अर्चना करते हैं और पूजा स्थल पर आज शाम व बुधवार सुबह भक्तों की भीड़ उमड़ेगी और भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं और लाइ¨टग का विशेष प्रबंध किया गया है।
मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान शिव और मां पार्वती ने अपने बच्चों कार्तिक और गणेश की लंबी आयु और सुख शांति के लिए सूर्य भगवान और छठ मैया का यह व्रत रखा था और तब से आज तक इसी मान्यता के अनुसार उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और बंगाल की महिलाएं और पुरुष अपने बच्चों की लंबी आयु और बच्चों की सुख-शांति के लिए यह 48 घंटे का व्रत रखते हैं।
छठ मैया के मुख्य पूजन के लिए सेब केला नींबू शकरकंद, ¨सघाड़ा, अन्नासनास, सुथनी, नारियल, गुलगुले, ठेकुआ, पुआ, गन्ना, पत्तेदार हल्दी का पौधा सहित दीप धूप अगरबत्ती आदि सामग्री से भरा व सजा सूप या डलिया में रखे सामग्री को सिर पर रखकर छठ मैय्या के मंगल गीत गाते हुए छठ घाट के बेदी पर पहुंचकर डूबते सूर्यदेव को जल में खडे होकर व्रतधारी महिलाओं ने अर्घ्य देकर पूजन किया।
कमेटी के नन्हें खान ने बताया कि वह छठ पूजा की व्यवस्था कमेटी द्वारा पिछले काफी समय से की जा रही है।
हरिलाल ने बताया कि वह आजीविका कमाने के लिए नवांशाहर में आए हैं और छठ पूजा शहर के शुगर मिल के तलाब पर मनाने हर साल आते हैं।। उन्होंने छठ पूजा के लिए बाजार से काफी खरीदारी भी की है।
भारत ने बताया कि बीते सोमवार को छठ पूजा का आगाज हो गया है और महिलाओं ने सुबह व्रत रखा है। छठ पूजा को लेकर लोगों में भारी उत्साह है और तालाब पर बड़ी संख्या में भक्तजन पूजा करने के लिए आते हैं। इस पूजा के लिए कमेटी की ओर से सभी प्रबंध पूरे किए गए हैं और यह व्रत 48 घंटे बिना कुछ खाए पिए रखा जाता है।