सड़कों पर पशुओं का 'राज', जनता प्रशासन से नाराज
संवाद सूत्र, नवांशहर सड़कों पर घूमते भैंसों के झुंड कभी भी मुख्य मार्गों पर एक कबीले के लोगों को दे
संवाद सूत्र, नवांशहर
सड़कों पर घूमते भैंसों के झुंड कभी भी मुख्य मार्गों पर एक कबीले के लोगों को देखा जा सकता है। भैंसों के साथ-साथ भेड़े तथा बकरियां आदि भी लेकर सड़कों के आसपास घास चरने के लिए सड़कों पर घूमते हैं। जोकि यहां सड़क के आसपास लगे पौधों को नष्ट करते हैं, वहीं सड़क पर दुर्घटनाओं का भय बना रहता है।
कई बार तो मेन रोड पर ही भैंसो को ले जाता है। इस दौरान ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है। कई बार तो इससे दुर्घटनाएं हो जाती हैे। इन्हें रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जाती है।
त्रिलोचन ¨सह पर्यावरण प्रेमी का कहना है कि यह जानवर हैं, उन्हें कैसे रोकना है, इसलिए सड़क पर चलने वाले यह पशु किसी भी समय डर के कारण गाड़ियों व अन्य वाहनों के आगे भी आ सकती हैं, जिस कारण कोई भी जानलेवा सड़क दुर्घटना हो सकती है। जंगलात विभाग द्वारा लगाए पौधों को भी यह नुकसान पहुंचाते हैं। सुरक्षित यातायात के लिए इन्हें सड़कों पर घूमाने व चराने पर पाबंदी लगाई जाए। मेन सड़कों पर पशुओं के झुंड लाने पर जुर्माने की भी व्यवस्था होनी चाहिए, तभी यह रुकेगा।
नरेश कैंथ का कहना है कि यह लोग सड़कों के आसपास ही नजदीक किसी खुले स्थानों पर रहते हैं। चारे के लिए यह लोग पशुओं को सड़कों पर ले आते हैं। यह लोग जहां सड़क के आसपास पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं, वहीं भैंसें किसानों के खेतों का भी नुकसान करते हैं।
गुर¨वदर ¨सह भट्टी का कहना है कि भैंसों के झुंड एकदम सड़कों पर ऊपर आ जाने से तेज आ रहे वाहनों को संभलने का मौका नहीं मिलता। इस कारण कई हादसे होने से कीमती जाने चली जाती हैं। सड़कों पर चरती यह भैंसें लड़ाई झगड़ों का कारण भी बनते हैं। इनको सड़कों पर लेकर घूमने पर पाबंदी लगाई जाए। नहरों के किनारों पर लगे पोधों को भी नुकसान पहुंचता है। इन लोगों को चाहिए कि यह लोग अपने स्तरीय पर ही घास के खेत लेकर वहां पर उनको यह लोग चारा खिलाएं। नहरों तथा सड़कों पर इनको लेकर घूमने की सख्ती से वन विभाग तथा जिला प्रशासन की ओर से पाबंदी लगानी चाहिए, ताकि किसी का भी जानी नुकसान न हो।